Surya And Rahu Ki Yuti: वैदिक ज्योतिष मुताबिक ग्रह एक निश्चित अवधि पर राशि परिवर्तन करके शुभ और अशुभ योग का निर्माण करते हैं। जिसका प्रभाव देश- दुनिया सहित मानव जीवन पर देखने को मिलता है। आपको बता दें 14 मार्च को मीन राशि में राहु और सूर्य की युति बनने जा रही है, जिससे ग्रहण योग का निर्माण होने जा रहा है। यह योग मीन राशि में 18 साल बाद बन रहा है। ऐसे में इस अशुभ योग का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा। लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि धनहानि और सेहत खराब के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं…
कुंभ राशि (Kumbh Zodiac)
सूर्य और राहु की युति कुंभ राशि के लोगों को प्रतिकूल सिद्ध हो सकती है, क्योंकि यह योग आपकी गोचर कुंडली के बाहर वें स्थान पर बनेगा। इसलिए इस दौरान आपको कुछ फिजूल खर्चों का सामना करना पड़ता। साथ ही आप कोई झूठे आरोप लग सकते हैं। जिससे आपको सावधान रहना चाहिए। वहीं आपके सप्तम भाव के स्वामी सूर्य देव हैं। इसलिए इस समय शादीशुदा लोगों को वैवाहिक जीवन में परेशानी हो सकती है। साथ ही इस समय साझेदारी का व्यापार सोच- समझकर करें। अन्यथा नुकसान हो सकता है।
सिंंह राशि (Leo Zodiac)
राहु और सूर्य के संंयोग से बनने वाला ग्रहण दोष सिंह राशि के लोगों को अशुभ सिद्ध हो सकता है। क्योंकि यह युति अष्टम स्थान में बनेगी। इसलिए इस समय आपको स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। वहीं इस दौरान आपको फिजूल खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जो हार्ट के रोगी हैं उनको भी समय ध्यान रखना चाहिए। साथ ही इस समय कोई बड़ी व्यापारिक नई डील नहीं करें। तो बेहतर होगा। साथ ही नया काम भी शुरू करने से बचें। वहीं इस समय आपका जीवनसाथी के साथ कुछ मनमुटाव हो सकता है। इसलिए लगातार बहसबाजी से बचें।
तुला राशि (Tula Zodiac)
आप लोगों के लिए सूर्य और राहु की युति नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। क्योंकि यह युति आपकी गोचर कुंडली से छठे भाव पर बनेगी। जिसको रोग, शत्रु, भय, बाधा और कोर्ट- कचहरी का स्थान ज्योतिष में माना गया है। इसलिए इन दिनों आपको शत्रु भय हो सकता है। साथ ही कोर्ट- कचहरी के मामलों में आपको हार का सामना करना पड़ सकता है। वहीं गुप्त शत्रु हावी हो सकते हैं। साथ ही इस अवधि में हार्ट के मरीजों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है।
करें ये विशेष उपाय
कुंभ, सिंह और तुला राशि के जातक इन दिनों में सूर्य देव की पूजा- अर्चना करें। माणिक्य भी पहन सकते हैं। राहु का दान करें। भैरो मंदिर में जाकर दीपक जलाएं।