Sunela Ratna: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्न और मंत्र का वर्णन मिलता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं सुनहला उपरत्न के बारे में, जिसका संबंध गुरु बृहस्पति से माना गया है। आपको बता दें कि सुनहला पुखराज का उपरत्न होता है। लेकिन पुखराज बाजार में काफी मंहगा होता है। इसलिए जिन लोगों पर पुखराज खरीदने का बजट नहीं है तो वो लोग सुनहला धारण कर सकते हैं। आइए जानते हैं सुनहला धारण करने की सही विधि और किन राशि वालों को ये करता है सूट…
जानिए कैसा होता है सुनहला
वैदिक ज्योतिष अनुसार सुनहला का कलर पीला होता है। साथ ही यह पुखराज की तरह की दिखता है। सुनहला और पुखराज में बहुत बारीक अंतर होता है। बाजाार में सुनहला काफी सस्ता मिल जाता है। वहीं सुनहला बाजार में 3 से 4 तरह का मिल जाता है।
ये लोग कर सकते हैं सुनहला धारण
अगर आपकी धनु और मीन राशि है तो आप लोग सुनहला धारण कर सकते हैं। क्योंकि धनु और मीन राशि पर गुरु ग्रह का आधिपत्य है। वहीं अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह उच्च पॉजिटिव स्थित हैं, तो आप सुनहला पहन सकते हैं। साथ ही मीन राशि- लग्न, धनु राशि- लग्न वाले भी सुनहला पहन सकते हैं। वहीं अगर गुरु आपकी कुंडली में वीक स्थित हो तो भी सुनहला पहन सकते हैं। साथ ही अगर गुरु ग्रह सकारात्मक स्थित है तो भी आप सुनहला धारण कर सकते हैं। वहीं अगर आप शिक्षक, आध्यात्म, कथावाचक और धर्म के कार्यों से जुड़े हुए हैं तो आप सुनहला धारण कर सकते हैं।
इस विधि से करें धारण
सुनहला बाजार में काफी सस्ता मिल जाता है। वहीं सुनहला को कम के कम 8 से 9 रत्ती का खरीदना चाहिए। वहीं सुनहला को गुरुवार के दिन धारण कर सकते हैं। वहीं सुनहला को चांदी के धातु में जड़वाकर धारण कर सकते हैं। साथ ही सुनहला को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से अंगूठी को शुद्ध करके धारण कर लें। इसके बाद पहन सकते हैं।