Sun In Seventh House: नवग्रहों में से सूर्य को राजा माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष महत्व है। जिस राशि की कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी होती है, तो उन्हें सरकारी नौकरी, नेतृत्व कौशल, समाज में सम्मान, कीर्ति के साथ परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। दरअसल. सूर्य को समस्त जगत का आत्मा स्वरूप माना गया है, क्योंकि इसी के द्वारा  पूरी सृष्टि को ऊर्जा और बल की प्राप्ति होती है। अगर व्यक्ति की कुंडली में इसकी स्थिति अच्छी है, तो शुभ परिणाम प्राप्त होंगे और अगर सूर्य की स्थिति निम्न स्थान पर है, तो जीवन में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।

सप्तम भाव में सूर्य देते हैं अशुभ प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में सातवें भाव में सूर्य का होना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है। इस भाव में सूर्य होने से व्यक्ति का स्वभाव में भी कठोरता आ जाती है, ऐसे में लोग इन्हें घमंडी मानते हैं। इस भाव में उपस्थिति सूर्य व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर कर देता है।

सूर्य के सातवें भाव में होने से वैवाहिक जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं। जीवनसाथी के साथ किसी न किसी बात पर अनबन हो सकती है। पति-पत्नी के बीच सामंजस्य की कमी अधिक हो जाती है। पारिवारिक संबंधों में परेशानी होती है और सरकारी कर्मचारियों द्वारा अपमानित हो सकते हैं। जातक अधिक क्रोध करने के साथ स्वार्थी होने लगता है। ऐसे में आने वाले समय में उसका काफी नुकसान हो सकता है। इन भाव में जातकों  का स्वास्थ्य तो अच्छा रहता है, लेकिन पैर से संबंधित बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सातवें भाव में सूर्य हो और  दूसरे या बारहवें भाव मंगल या शनि में स्थित हो। इसके साथ ही पहले भाव में चंद्रमा हो, तो जातक को कुष्ठ रोग या किसी अन्य स्किन संबंधी रोग की समस्या का सामना करना पड़ता है।

सातवें भाव में अशुभ सूर्य के लिए करें ये उपाय

  • रोजाना सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें।
  • घर से निकलनेसे पहले पानी और गुड़ खाकर ही बाहर निकले।
  • भोजन करने से पहले रोटी का एक छोटा सा टुकड़ा गैस या चूल्हे में अर्पित कर दें।
  • काली गाय की सेवा करना शुरू कर दें।