Importance Of Sun In Astrology: सूर्य ग्रह यानि की सूर्य देव का ज्योतिष में बहुत महत्व बताया गया है। इतना ही नहीं सूर्य का प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से भी अधिक महत्व है।

वहीं वैदिक ज्योतिष में सूर्य देव को तारों का जनक माना गया है। जन्मकुंडली में सूर्य देव पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। आइए जानते हैं ज्योतिष में सूर्य का महत्व और इससे होने वाली रोग और उसके उपाय

हिंदू धर्म में सूर्य का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य देव को देवता की उपाधि दी गई है। साथ ही सूर्य देव की पूजा का भी महत्व बताया गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य महर्षि कश्यप के पत्र है। जब सूर्य देव किसी भी राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह अवधि किसी भी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना गया है।

जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर एक राशि के दूसरे राशि में जाते हैं, तो उसे एक सौर कहा जाता है। सूर्य देव को दिवाकर, भानु, भास्कर और आदित्य भी कहा जाता है।

वैदिक ज्योतिष में सूर्य

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव समाजिक पद-प्रतिष्ठा और उच्च पद के कारक होते हैं। सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी होते हैं। वहीं तुला सूर्य की नीच राशि होती है। सूर्य की महादशा से जातकों को अच्छें परिणाम मिलते हैं। जिस जातक की कुंडली में सूर्य देव शुभ स्थान पर रहते हैं। उन्हें करियर में सफलता, कारोबार में मुनाफा आदि कई लाभ भी होने की मान्यता है। सूर्य देव के शुभ प्रभाव से जातकों की सामाजिक छवि भी अच्छी होती है और मान-सम्मान भी बढ़ता है।

सूर्य ग्रह दोष से होने वाले रोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य किसी अन्य ग्रह से पीड़ित है, तो उसे हृदय और आंख से संबंधित बीमारियां हो सकती है। हड्डियों से संबंधित समस्या भी हो सकती है। पित्त आदि की भी बीमारियां हो सकती हैं।

सूर्य ग्रह दोष से होने वाले रोग के उपाय

-सुबह जल्दी उठे।
-स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्‍य दें।
-ताबें के पात्र में नियमित रूप से पानी पिए।