नरपतदान चारण
सहनशीलता से शक्ति मिलती है। इसके अभाव में मनुष्य क्रोधी, चिड़चिड़ा व तनावग्रस्त हो जाता है। उसकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है। इसका सबसे बड़ा गुण है कि अपने आपको आक्रोश व निराशा से दूर रखें। सहनशीलता का गुण अभ्यास से सीखा जा सकता है। प्रत्येक कार्य करने की योजना एक सुनिश्चित ढंग से बनाने और उस पर अमल करने से ही सही दिशा में बदलाव संभव है। अच्छे लोगों की संगति, चिंतन विचारों को शुद्ध बनाए रखने से समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है।
सहनशीलता का गुण जानने से दोस्तों के बीच आदर मिलता है। जल्दी तनाव या क्रोध नहीं आता। वास्तव में सहनशीलता मनुष्य का आभूषण है। सहनशील व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके उलट अगर किसी व्यक्ति में सहनशीलता नहीं है तो उसे कई बार अप्रिय स्थितियों से भी गुजरता पड़ता है।
अगर आलोचना की जा रही है तो उसे सकारात्मक रूप से सहने की क्षमता हमें पूर्ण रूप से नेक इनसान बनाती है। कभी-कभी देखने में आता है कि छोटी सी बात पर लोग आपा खो देते हैं और तनिक आवेश में बात लड़ाई-झगड़े तक पहुंच जाती है। ऐसे में आपकी सहनशक्ति आपके विवेक को नियंत्रित करने में सहायक होती है। सहनशीलता की आदत बच्चे को अपने परिवार से सीखने को मिलती है।
एक बार सहन करने की आदत पड़ जाए तो यह किशोरावस्था में काफी लाभकारी रहेगी। सहनशील होने के लिए जरूरी है कि बड़ों की बातों का बुरा न मानें। हमेशा धैर्य से बात करें। दूसरों को समझने की कोशिश करें। अपनी बुराइयों को छोड़ने की कोशिश करें। बड़ों को हमेशा सम्मान दें। अपनी बात मनवाने के लिए किसी पर दबाव न डालें। दूसरों को वही सम्मान दें जो आप खुद अपने लिए चाहते हैं। असहनशीलता और आवेश की स्थिति में आप निम्न तरीकों से सहनशील बने रह सकते हैं-
सोचें : असहनशीलता की स्थिति में आप अपने खुशमिजाज रूप और धैर्य खो देने वाले रूप दोनों के बारे में कुछ देर सोचें। इससे आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
खुद से पूछें : खुद से सवाल करें कि वास्तव में नाराजगी की वजह क्या है। अक्सर देखा गया है कि हमारी नाराजगी किसी और से है। लेकिन गुस्सा अपने परिवार वालों पर या कमजोर लोगों पर निकालते हैं। इससे बचें।
क्रोध को रोकें : अक्सर हम बहुत गुस्सा होते हैं तो सही निर्णय नहीं कर पाते। जब आपकी सहनशीलता जवाब देने लगे तो उस जगह से तत्काल हट जाएं। कुछ देर टहलते रहें, किसी दूसरे काम में ध्यान लगाएं या स्ट्रेचिंग करें।
खुद को समझें : खुद को समझाएं कि आपके पास इन सब में वक्त बरबाद करने से भी जरूर कई काम हैं। परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों के साथ मधुर संबंध बनाएं। इससे सहनशीलता बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि यह अभ्यास से संभव होगा।