Somvati Amavasya 2024 Uma Maheshwar Stotra: अमावस्या का पावन पर्व हर महीने में मनाया जाता है। लेकिन पौष महीने में आने वाली अमावस्या बेहद खास मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पौष अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या आज मनाई जा रही है। इसके साथ ही यह साल की आखिरी अमावस्या भी है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी की आराधना करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा अमावस्या के दिन उमा महेश्वर स्तोत्र का पाठ करने से जातकों को विशेष लाभ मिलता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन इसका पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर जातकों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

उमा महेश्वर स्तोत्र

नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्याम्, परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् .
नागेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..
नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्याम्, नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् .
नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..

नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्याम्, विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम् .
विभूतिपाटीरविलेपनाभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..
नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्याम्, जगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम् .
जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..

नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्याम्, पञ्चाक्षरी पञ्जररञ्जिताभ्याम् .
प्रपञ्चसृष्टिस्थिति संहृताभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..
नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्याम्, अत्यन्तमासक्तहृदम्बुजाभ्याम् .
अशेषलोकैकहितङ्कराभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..

नमः शिवाभ्यां कलिनाशनाभ्याम्, कङ्कालकल्याणवपुर्धराभ्याम् .
कैलासशैलस्थितदेवताभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..
नमः शिवाभ्यामशुभापहाभ्याम्, अशेषलोकैकविशेषिताभ्याम् .
अकुण्ठिताभ्याम् स्मृतिसम्भृताभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..

नमः शिवाभ्यां रथवाहनाभ्याम्, रवीन्दुवैश्वानरलोचनाभ्याम् .
राकाशशाङ्काभमुखाम्बुजाभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..
नमः शिवाभ्यां जटिलन्धरभ्याम्, जरामृतिभ्यां च विवर्जिताभ्याम् .
जनार्दनाब्जोद्भवपूजिताभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..

नमः शिवाभ्यां विषमेक्षणाभ्याम्, बिल्वच्छदामल्लिकदामभृद्भ्याम्
शोभावती शान्तवतीश्वराभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..
नमः शिवाभ्यां पशुपालकाभ्याम्, जगत्रयीरक्षण बद्धहृद्भ्याम् .
समस्त देवासुरपूजिताभ्याम्, नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ..

स्तोत्रं त्रिसन्ध्यं शिवपार्वतीभ्याम्, भक्त्या पठेद्द्वादशकं नरो यः .
स सर्वसौभाग्य फलानि भुङ्क्ते, शतायुरान्ते शिवलोकमेति ..

हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।