Surya Grahan (Solar Eclipse) 2024 Date, Timings in India : वैदिक पंचांग अनुसार एक निश्चित अतंराल के बाद सूर्य और चंद्र ग्रहण पड़ते हैं। जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर पड़ता है। साथ ही यह ग्रहण किसी व्यक्ति के लिए नकारात्मक रहते हैं तो किसी के लिए नकारात्मक। आपको बता दें कि साल का आखिरी सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है। वहीं इस दिन पितृ अमावस्या भी है। वहीं अगले दिन नवरात्रि है। वैदिक पंचांग अनुसार 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रात के 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा, जो देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा। इसकी कुल अवधि लगभग 6 घंटे 3 मिनट की होगी।
Surya Grahan 2024 Date And Time Live Streaming: Check Here
साथ ही ग्रहण के समय आसमान में एक ‘Ring Of Fire’ यानी आग का छल्ला दिखाई देगा। वहीं आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब घटती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है या बीच से होकर गुजरता है। सूर्य ग्रहण लगने पर आकाश अंधकारमय हो जाता है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण समय, सूतक काल और 12 राशियों पर प्रभाव…
आज का सूर्य ग्रहण 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण है। साथ ही इसके बाद 29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण लगेगा। वहीं इस दिन चैत्र अमावस्या है।
एस्ट्रोनोमी के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच से जब चंद्रमा गुजरता है तो कुछ वक्त के लिए सूर्य को ढक लेता है। इस दौरान चंद्रमा के बीच में आने से सूर्य की रोशनी सीधे पृथ्वी पर नहीं आ पाती और कुछ जगहों पर अंधेरा छा जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
पृथ्वी के एक हिस्से में अगर पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है तो ये फिर वहां करीब 400 साल बाद ही ऐसा दोबारा होता है। 8 अप्रैल 2024 को लगा सूर्य ग्रहण ऐसा ही था।
भारत में सूर्य ग्रहण लगने के वक्त रात होगी और ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा। अंधेरा होने के चलते भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगने वाला है। कई लोगों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि ये भारत में दिखेगा कि नहीं। बता दें कि ये सूर्य ग्रहण रात के समय लगेगा। इसलिए भारत में नजर नहीं आएगा। लेकिन राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पर काफी शुभ योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य कन्या राशि में विराजमान है। जहां पर उनकरी .युति, बुध, केतु और चंद्रमा के साथ हो रही है। ऐसे में चतुर्ग्रही योग के साथ बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में सूर्य का सकारात्मक प्रभाव कन्या,वृश्चिक और मकर राशि के जातकों के लिए ये लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण पर काफी शुभ योग बन रहा है। आज सर्वपितृ अमावस्या भी पड़ रही है। इसके साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सूर्य कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग का भी निर्माण हो रहा है।
बता दें कि साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण आज लगने वाला है। आज रात के 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा, जो देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा। इसकी कुल अवधि लगभग 6 घंटे 3 मिनट की होगी।
ग्रहण शुरू होने से पहले अगर भोजन बनाएं तो भोजन में पहले उसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डाल दें। ऐसा करना शुभ होता है।
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद सबसे पहले अपने घर में अच्छे से गंगाजल छिड़क दें। इसके बाद मंदिर का अच्छे से साफ सफाई करें। ऐसा करने से सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
सूर्यग्रहण का सूतक काल की तो भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूर्यग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है।
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या की रात को लगेगा। साथ ही यह ग्रहण 3 अक्टूबर को तड़के के समय खत्म होगा। वहीं आपको बता दें कि 3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है।
सूर्य ग्रहण के खत्म होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। साथ ही घर के सभी स्थानों को फिर से साफ करें।
सूर्य ग्रहण के बाद गेहूं, लाल वस्त्र, लाल फल, लाल फूल आदि का दान करना चाहिए क्योंकि ये सभी वस्तुएं सूर्य देव से जुड़ी हुई हैं
वैदिक ज्योतिष मुताबिक सूर्य ग्रहण वृष, मिथुन, कर्क, सिंह कन्या वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को शुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में आपको काम- कारोबार में खास सफलता मिल सकती है। वहीं इस दौरान नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिलने के योग हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों से आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं बिजनस में आपने जो निवेश किया था उसका आपको अचानक से अभी जाकर लाभ मिल सकता है। साथ ही इस दौरान आप कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं।
वहीं आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण मेष, तुला और मकर राशि के जातकों को नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। वहीं इस अवधि में इन लोगों का किसी व्यक्ति के साथ मनमुटाव हो सकता है। साथ ही धन की हानि के योग बन रहे हैं। वहीं इस समय किसी बात को लेकर मानसिक अशांति हो सकती है। साथ ही इस समय आपको वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। क्योंकि दुर्घटना के योग बन रहे हैं।
ग्रहण के खत्म होने के बाद ही आपको भोजन बनाना या खाना चाहिए। साथ ही उसमें भी तुलसी के पत्ते अवश्य डाल दें। जिससे ग्रहण का अशुभ प्रभाव भोजन पर न पड़ सके...
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना हानिकारक माना जाता है। इसे देखने के लिए खास प्रकार के ग्लास या चश्मे का प्रयोग करना चाहिए।
वैदिक पंचांग अनुसार सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र के अंतर्गत आकार लेगा, जो कि ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से बहुत खास माना जा रहा है।
सूर्य को ग्रहण को नग्न आंखों से भूलकर भी नहीं देखें। ऐसा करने से आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। इसके अलवा आपको बाल, दाढ़ी बनवाने या नाखून काटने से भी बचना चाहिए।
सूर्य ग्रहण भोजन पकाना या खाना भी वर्जित है। हालांकि ग्रहण काल में बुजुर्ग, बालक या रोगों से पीड़ित व्यक्ति पर ये नियम लागू नहीं होता है।
ग्रहण काल के दौरान भगवान की मूर्तियों का स्पर्श न करना चाहिए। साथ न ही किसी मंदिर में प्रवेश करना चाहिए।
ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही लगता है, जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है।
सूर्यग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। क्योंकि, ऐसा करने से गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सूर्यग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चाकू से सब्जी काटना, कैंची का इस्तेमाल करना, सुई का प्रयोग आदि कार्य नहीं करने चाहिए। यदि गर्भवती महिलाएं इन चीजों का इस्तेमाल करती है तो इसका दुष्प्रभाव बच्चे के ऊपर आता है।
सूर्यग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यदि आपको बेहद जरुरी है बाहर जाना तो आप गेरू का लेप अपने पेट पर लगाकर जा सकती हैं।
सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाता है। आपको बता दें कि सूतक काल के दौरान बहुत से कामों को करने की मनाही होती है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत से नहीं दिखेगा इसीलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा। इसलिए सूतक भी मान्य नहीं होंगे। वहीं यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों के अलावा आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली, पेरू, होनोलूलू, ब्यूनो आयर्स, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका और प्रशांत महासागर से नजर आएगा।
सूर्य ग्रहण आश्विन मास की अमावस्या तिथि को लगेगा। इस दिन पितृपक्ष की अमावस्या तिथि होगी।