Solar Eclipse 2025 Precautions During Pregnancy: हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक विशेष खगोलीय घटना माना जाता है। मान्यता है कि इस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव बढ़ जाता है। यूं तो ग्रहण का असर सभी लोगों पर पड़ता है, लेकिन यह समय गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से संवेदनशील होता है। यही कारण है कि ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान खास नियमों और सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस समय गर्भवती महिलाओं को किन कार्यों से बचना चाहिए।
सूतक काल में बरतें सावधानी
ग्रहण से लगभग 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस समय बाहर निकलने से ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा सीधा असर डाल सकती है।
नुकीली वस्तुओं से दूरी बनाएं
सूतक और ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चाकू, कैंची या सुई जैसी नुकीली चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इनका प्रयोग गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
रसोई और कामकाज से परहेज
ग्रहण के दौरान रसोई का काम करने से भी मना किया गया है। गर्भवती महिलाओं को इस समय ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और मेहनत वाले कामों से दूरी बनानी चाहिए।
सूर्य की किरणों से बचें
सूर्य ग्रहण काल में घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान पड़ने वाली सूर्य की किरणें गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसलिए इस दौरान घर के भीतर रहना ही बेहतर है।
सकारात्मक रहें और वाद-विवाद से बचें
ग्रहण काल में मन की स्थिति भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। गर्भवती महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वे क्रोध, वाद-विवाद या किसी नकारात्मक सोच से बचें। मान्यता है कि नकारात्मक विचारों का सीधा असर शिशु के मानसिक और भावनात्मक विकास पर पड़ सकता है।
बाल और नाखून काटने से परहेज
ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटना भी शुभ नहीं माना जाता है। यह काम ग्रहण काल से पहले या बाद में ही करना चाहिए।
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