Solah Sowar Vrat 2025: हिंदू धर्म में सोलह सोमवार का विशेष महत्व है। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है। सुखी वैवाहिक जीवन, विवाह में आ रही अड़चनों से मुक्ति के लिए, मनचाहा जीवनसाथी और संतान, नौकरी आदि में सफलता पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखना शुभ माना जाता है। बता दें कि मां पार्वती से भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखा था। इसी के कारण इसे सबसे फलदायी व्रतों में से एक माना जाता है। सोलह सोमवार का व्रत किस दिन, माह, तिथि से आरंभ करना चाहिए इसको लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी रहती हैं। बता दें कि सोलह सोमवार के व्रत का आरंभ श्रावण मास में किया जाए, तो सबसे अधिक फलदायी माना जाता है। आइए जानते हैं सावन माह में कब से आरंभ करें सोलह सोमवार का व्रत? इसके साथ ही जानें सोलह सोमवार की पूजा विधि, मंत्र और कब उद्यापन करना सही होगा…
कब से आरंभ करें सोलह सोमवार व्रत? (Sawan Solah Somvar Vrat)
सोलह सोमवार का व्रत कार्तिक मास के अलावा मार्गशीर्ष में आरंभ करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार के दिन सोलह सोमवार आरंभ करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। बता दें कि इस साल सावन 11 जुलाई से आरंभ हो रहे हैं और 14 जुलाई को पहला सावन सोमवार पड़ रहा है। इस दिन से आप सोलह सोमवार का व्रत आरंभ कर सकते हैं, जो अगले 16 सोमवार तक रहना पड़ेगा। ऐसे में 14 जुलाई से आरंभ हुआ सोलह सोमवार का व्रत 13 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा।
सावन में सोलह सोमवार आरंभ करने का महत्व (Significance Of (Sawan Solah Somvar Vrat)
श्रावण मास में सोलह सोमवार का आरंभ करना काफी शुभ माना जाता है, क्योंकि ये माह भगवान शिव का अति प्रिय माना जाता है। इस माह भगवान शिव की पूजा करने से लेकर जलाभिषेक करने से भोलेनाथ की सीधी कृपा होती है और आपको व्रत का कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही वातावरण सकारात्मक और आध्यात्मिक होता है। ऐसे में विवाह, संतान प्राप्ति, पारिवारिक सुख से लेकर नौकरी आदि पाने के लिए काफी प्रभावी माना जाता है।
सोलह सोमवार व्रत के लिए सामग्री ( Solah Somvar Vrat Puja Samagri)
- कलश
- सफेद या लाल कपड़ा
- चौकी
- नारियल
- पूजा की थाली
- जल पात्र
- शिवलिंग और शिव पार्वती की तस्वीर
- आरती की थाली
- फूल
- पंचामृत
- पंजीरी
- मीठी पूरी
- बेलपत्र
- पांच किस्म के फल
- घी का अखंड दीपक
- आम और पान के पत्ते
- सुपारी
- हल्दी
- कुमकुम
- अक्षत
- सफेद चंदन
- मौली
- जनेऊ
- अगरबत्ती,
- गंगाजल
- इत्र
- इच्छानुसार दक्षिणा
- धतूरा
- आक का फूल
- गन्ना
- सोलह सोमवार व्रत कथा की किताब
पहले सावन सोमवार के दिन लें सोलह सोमवार के का व्रत संकल्प ( Solah Somvar Vrat Sankalp)
सावन माह के पहले सोमवार के दिन भगवान शिव के सामने 16 सोमवार व्रत करने का संकल्प जरूर लें। इसके बाद 17वें सोमवार के दिन उद्यापन करें। इसके बाद ही आपका व्रत पूर्ण माना जाएगा। अगर आप सोलह सोमवार का व्रत रख रहे हैं, तो पहले सावन सोमवार के दिन स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद दाएं हाथ में पान का पत्ता, सुपारी, जल, अक्षत और एक सिक्का लेकर शिव जी के मंत्र को बोले- ॐ शिवशंकरमीशानं द्वादशार्द्धं त्रिलोचनम्। उमासहितं देवं शिवं आवाहयाम्यहम्।। फिर सभी वस्तुएं भगवान शिव को समर्पित कर दें।
सोलह सोमवार व्रत पूजा विधि (Sawan Solah Somvar Vrat Puja Vidhi)
सावन माह के पहले सोमावर के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों को निपटाकर स्नान कर लें। नहाने वाले पानी में काले तिल अवश्य डालें। इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। फिर शिव जी के समक्ष व्रत का संकल्प लें और दिनभर फलहारी व्रत रखें और शिवलिंग में जल चढ़ाने के साथ पूजा कर लें। इसके बाद शाम को प्रदोष काल में सावन सोमवार की पूजा आरंभ करें। सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके लिए एक तांबे के पात्र में शिवलिंग करें। इसके साथ ही एक चौकी में सफेद रंग का व्रत बिछाकर शिव पार्वती की तस्वीर की तस्वीर रख लें। इसके बाद शिवलिंग की पूजा करने के साथ इस तस्वीर की पूजा करें। शिवलिंग में ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए पंचामृत अर्पित करें। फिर जल, गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद सफेद चंदन लगाएं।
चंदन के बाद शिवलिंग में विधिवत तरीके से बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, गन्ना, गन्ने का रस, पुष्प, अष्टगंध, सफेद वस्त्र, इत्र, भोग आदि चढ़ा दें। इसके बाद तस्वी में भी सभी चीजें चढ़ाने के साथ शिव जी को जनेऊ और मां पार्वती की सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव को भोग में चूरमे, खीर, मीठी पूड़ी, पंजीरी, बेर, नैवेद्य, मौसमी फल आदि अर्पित करें। फिर घी का दीपक और धूप जला लें। इसके बाद सोलह सोमवार की व्रत कथा पढ़ लें। फिर महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा का पाठ करके अंत में शिव जी की आरती करें। बता दें कि भोग चढ़ाए गए चूरमे के अलावा किसी अन्य चीज का सेवन न करें। ऐसा अगले 16 सोमवार करें।
कब करें सोलह सोमवार का उद्यापन? (Sawan Solah Somvar Vrat Udyapan)
शास्त्रों के अनुसार, सोलह सोमवार का उद्यापन 16 सोमवार का व्रत रखने के बाद किय़ा जाता है। ऐसे में 17वें सोमवार को दिन सोलह सोमवार के व्रत का उद्यापन करें। इस दिन 16 जोड़े स्त्री-पुरुष को भोजन कराया जाता है। इसके साथ ही गेहूं के आटे का चूरमा का भोग बनाया जाता है।
टैरो राशिफल के अनुसार, जुलाई माह में कई राशि के जातकों के लिए लकी हो सकता है, क्योंकि इस माह गुरु आदित्य, धन शक्ति, गजकेसरी , महालक्ष्मी सहित कई राजयोगों का निर्माण करने वाले हैं। ऐसे में कुछ राशियों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। अटके हुए काम एक बार फिर से आरंभ हो सकते हैं। टैरो गुरु मधु कोटिया के अनुसार, टैरो के मुताबिक ये माह कुछ राशियों का खास हो सकता है। जानें मासिक टैरो राशिफल
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।