Shukrwar Vrat Vidhi: हफ्ते के सातों दिन ज्योतिष विद्या के अनुसार अलग-अलग महत्व रखते हैं। वैसे तो हर दिन शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत कभी भी की जा सकती है। ऐसे ही हिंदू धर्म में धन की देवी लक्ष्मी है। लक्ष्मी देवी का दिन ज्योतिष विद्या के अनुसार शुक्रवार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। सभी जिंदगी की भाग दौड़ में बहुत परेशान हैं फिर भी अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है। इस दिन जो लोग व्रत कर रहे होते हैं बस कुछ विशेष विधि का प्रयोग करेंगे तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होगीं और आपके घर में वास करेंगी।
व्रत विधि- शुक्रवार के दिन जब मां संतोषी का व्रत कर रहें हो तो सूरज के उदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई कर लें। फिर सभी काम खत्म करने के बाद नहा कर स्वच्छ कपड़े पहन लें। घर में संतोषी मां का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद जल से भरा बर्तन लें और उस पर एक कटोरी रखकर उसमें गुड़ और चना रखें। इसके बाद माता संतोषी की कथा पढ़ें। उसके बाद माता संतोषी की आरती करें और गुड़-चने का प्रसाद घर के सभी सदस्यों में वितरित करें। जल का बर्तन जो पूजा से पहले स्थापित किया गया था उसके जल का छिड़काव पूरे घर में करें जो जल बच जाए उसे किसी पौधे में डाल दें।
इस व्रत को 16 शुक्रवार विधिवत तरीके से करने पर ही व्रत का शुभ फल मिलता है। 16 वें शुक्रवार को व्रत का उद्यापन अवश्य करें। इस दिन शुक्रवार को विधि के अनुसार संतोषी माता का पूजन करने के बाद 8 बालिकाओं को खीर-पूरी का भोजन करवाएं और इच्छानुसार उन्हें दक्षिणा और केले का प्रसाद देने के बाद ही खुद खाएं।