Shukra Nakshatra Gochar 2025: दैत्यों के गुरु शुक्र को नवग्रह में काफी महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, जो एक निश्चित अवधि के बाद राशि के अलावा नक्षत्र परिवर्तन भी करते है जिसका असर 12 राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया में भी देखने को मिल जाता है। शुक्र इस समय पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में विराजमान है। वहीं 1 फरवरी को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के नक्षत्र में शुक्र के आने से कुछ राशि के जातकों को बंपर लाभ मिल सकता है। शुक्र के अपने मित्र के नक्षत्र में जाने से कुछ राशि के जातकों की किस्मत चमक सकती है। जानें इन लकी राशियों के बारे में…
शुक्र को सुख-समृद्धि, धन, वैभव, प्रेम-आकर्षण, भोग-विलास आदि का कारक माना जाता है। इस समय शुक्र मीन राशि में विराजमान है।
मेष राशि (Mesh Zodiac)
साहस,पराक्रम के कारक शुक्र का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करके इस राशि के बारहवें भाव में रहने वाले हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों को हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। सिंगल जातकों के लिए ये समय काफी अच्छा साबित हो सकता है। विवाह योग्य जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सही हो सकती है। धन से जुड़े मामले में थोड़ा सोच समझकर निर्णय लेंगे, तो आपको काफी सफलता हासिल हो सकती है। विदेश यात्रा या फिर लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं।
मिथुन राशि (Mithun Zodiac)
शनि के नक्षत्र उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करके शुक्र इस राशि के दसवें भाव में रहने वाले हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में भी काफी लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही बॉस और वरिष्ठ अधिकारियों को आपका काम पसंद आ सकता है। ऐसे में वह आपके काम की सराहना कर सकते हैं। सहकर्मियों के साथ भी आपके रिश्ते मजबूत बनेंगे। विदेश से नौकरी के लिए बेहतरीन अवसर मिल सकता है। इसके साथ ही काम के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सकते हैं। आयात निर्यात का बिजनेस में भी खूब लाभ मिल सकता है। पेशेवर जीवन में भी काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। अध्यात्म की ओर आपका झुकाव अधिक हो सकता है।
कन्या राशि (Kanya Zodiac)
इस राशि के जातकों के लिए शुक्र का नक्षत्र परिवर्तन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस राशि के जातकों को हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। माता-पिता और मेंटर की सलाह से आप कई क्षेत्रों में अपार सफलता हासिल कर सकते हैं। जीवनसाथी के साथ अच्छा वक्त बीतेगा। अविवाहितों को शादी का प्रस्ताव आ सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। इसके साथ ही धन की बचत करने में कामयाब हो सकते हैं।
कर्मफलदाता शनि जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल या फिर दंड देते हैं। शनि एकलौता ग्रह है जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। शनि 30 साल बाद राशि, तो वहीं 27 साल बाद नक्षत्र परिवर्तन करते हैं जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ता है। ऐसे ही शनि बसंत पंचमी के दिन गुरु के नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद के दूसरे पद में प्रवेश करने वाले हैं। शनि की इस स्थिति पर बदलाव का असर इन तीन राशियों पर सबसे अधिक पड़ने वाला है। जानें इन राशियों के बारे में
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