Shukra Asta 2025: साल 2025 का आखिरी माह चल रहा है। इस दौरान कई ग्रहों की स्थितियों में बदलाव होने के साथ-साथ की अन्य क्षेत्रों में भी असर देखने को मिलने वाला है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थितियों में बदलाव का असर देश-दुनिया में काफी अधिक देखने को मिलता है। ऐसे ही साल के अंत में कई ज्योतिषीय घटना घटने वाली है। जहां एक ओर 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में जाने से खरमास आरंभ हो जाएंगे, तो वहीं दूसरी ओर आज यानी 11 दिसंबर 2025 को शुक्र तारा भी अस्त हो गया है। शुक्र तारा के अस्त होने के साथ ही मांगलिक कामों में विराम गया है। शुक्र को प्रेम-आकर्षण, सुख- सुविधाएं, समृद्धि, विवाह, सौंदर्य, कला और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। ऐसे में शुक्र के अस्त होने से राशियों के जीवन में भी प्रभाव देखने को मिलने वाला है..
कब होते शुक्र अस्त ?
बता दें कि साल में शुक्र दो बार अस्त होते हैं। जब शुक्र सूर्य के अत्यधिक पास आ जाता है, तो उसकी रोशनी में ये ग्रह अपनी चमक खो देता है। जिसके कारण शुक्र तारा दिखना बंद हो जाता है। शुक्र काफी दुर्बल हो जाता है। ऐसे में वह शुभ फल दे पाने में असफल होते हैं। ऐसा होने से कई धार्मिक मान्यताओं और त्योहारों पर असर देखने को मिलता है।
कब से कब तक शुक्र तारा रहेगा अस्त?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस साल शुक्र तारा 11 दिसंबर 2025 को गुरुवार को सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर अस्त हो गए हैं, जो 01 फरवरी 2026 को उदित होंगे। करीब 53 दिनों तक अस्त अवस्था में रहेंगे।
शुक्र अस्त होने के साथ इन कामों में लगी रोक
लगभग करीब डेढ़ महीने से अधिक समय तक शुक्र तारा अस्त रहने वाला है। इस दौरान शुभ कामों को करने में मनाही है। शुक्र को प्रेम- सौंदर्य, आकर्षण, वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। ऐसे में इस अवधि इन चीजों में सावधानी बरतनी चाहिए।
मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक
शुक्र के अस्त होने के साथ ही मांगलिक कामों में ब्रेक लग गया है। ऐसे में शादी-विवाह में भी नहीं होंगे। जिस तरह गुरु ग्रह को विवाह के लिए अनुकूल ग्रह माना जाता है। वैसे ही शुक्र को भी सुख, वैवाहिक जीवन और भोग विलास का कारक माना जाता है। इस कारण शुक्र के अस्त होने के बाद अगर विवाह होते हैं, तो दांपत्य जीवन में कलह बनी रहती हैं। पार्टनर के बीच तनाव, अलगाव, असंतोष की भावना बनी रहती है। कई बार रिश्ता टूटने के कगार में आ जाता है। इसलिए शुक्र के अस्त होने पर विवाह करने की मनाही होती है।
गृह प्रवेश और गृह निर्माण में भी लगी रोक
शुक्र तारा अस्त होने पर गृह प्रवेश या फिर नींव पूजन, घर के निर्माण आदि में भी मनाही होती है। मान्यता है कि इस दौरान ये काम करने से घर की सुख-शांति छीन जाती है। हर काम में सफलता मिलने के साथ धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।
16 संस्कारों पर लगी रोक
शुक्र तारा अस्त होने में छेदन, मुंडन, उपनयन सहित अन्य 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है। इस दौरान किए गए कार्यों में सफलता नहीं हासिल होती है।
कब से कब तक है खरमास 2025?
दिक शास्त्र के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य 16 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके साथ ही खरमास आरंभ हो जाएंगे। पिता के कारक सूर्य 14 जनवरी तक इस राशि में रहेंगे और फिर मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मकर संक्रांति के पर्व के साथ खरमास समाप्त हो जाएंगे।
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डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
