Shri Yantra Benefits: हिंदू धर्म में यंत्र का विशेष महत्व है। वहीं आपको बता कि जब भी किसी मंत्र को कोई आकार दिया जाता है तो वह यंत्र कहलाता है। ज्योतिष में कई प्रकार के यंत्रों का वर्णन मिलता है। जिसमें हम यहां बात करने जा रहे हैं श्री यंत्र के बारे में, श्रीयंत्र की सिद्धि गुरु शंकराचार्य ने की थी। साथ ही यह बहुत प्रभावशाली यंत्र है। यही कारण है कि प्राचीन समय में श्रीयंत्र को मंदिरों में भगवान की प्रतिमा के निकट या नींव पूजन करते समय प्रथम पत्थर के पास स्थापित किया जाता था। आइए जानते हैं श्री यंत्र स्थापिक करने के लाभ और विधि…
इस विधि से करें स्थापित
श्रीयंत्र को आप पूजा घर में स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा श्रीयंत्र को तिजोरी के पास भी स्थापित कर सकते हैं। वहीं आपको बता दें कि पहले श्रीयंत्र को एक चौकी पर गुलाबी रंग के आसन पर रखें। फिर किसी योग्य ब्राह्मण के द्वारा इसकी प्राण प्रतिष्ठा करें। वहीं श्री यंत्र को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद कच्ची हल्दी और फूल श्रीयंत्र के ऊपर चढ़ाएं। इसके बाद धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाएं। इसके बाद श्रीयंत्र को स्थापित करते हुए ‘ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें। यह मंत्र वैभव लक्ष्मी का मंत्र है। वहीं शुद्ध घी का दीपक सामने जलाकर श्रीसूक्त का पाठ करें।
श्री यंत्र को स्थापित करने के लाभ
श्रीयंत्र मां लक्ष्मी का साकार रूप है। इसलिए श्रीयंत्र स्थापित करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसके प्रयोग से न केवल धन की प्राप्ति होती है, वरन इस जगत में जितना भी ऐश्वर्य और सुख, सुविधाएं हैं, वे सभी इसकी पूजा करने मात्र से प्राप्त हो जाती हैं। वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में श्रीयंत्र रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
आपको बता दें कि श्रीयंत्र में त्रिभुज और वृत्त होते हैं। यह धन की देवी लक्ष्मी और ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतीक है। मान्यता है कि इससे आपके जीवन में धन आगमन होता है और बुरी ऊर्जा चली जाती है। साथ ही श्री यंत्र के घर में स्थापित होने से घर के सदस्यों के ऊपर धन के देवता कुबेर की कृपा बनी रहती है।