Shri Krishna Janmashtami 2023 Muhurat Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस बार अष्टमी तिथि होने के कारण दो दिन जन्माष्टमी का व्रत रखा जा रहा है। जहां कई लोगों ने 6 सितंबर को जन्माष्टमी का पर्व मना लिया है। वहीं, आज मथुरा, वृंदावन, इस्कॉन मंदिर सहित अन्य कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी मनाई जा रही है। कान्हा के जन्म के साक्षी बनने के लिए विशेषकर मथुरा में लाखों भक्त पहुंच चुके हैं। आज घर में रहकर इस विधि से करें श्री कृष्ण की पूजा, साथ ही जानिए मुहूर्त, नियम सहित अन्य जानकारी।
आज देशभर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। मथुरा, वृंदावन सहित अन्य कृष्ण मंदिरों में धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक सर्वोत्तम मुहूर्त बन रहा है। इसके साथ ही व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 06 बजकर 02 मिनट के बाद किसी भी समय कर सकते हैं।
जानिए स्टेप बाय स्टेप श्री कृष्ण की पूजा विधि-
Janmashtami 2023 Puja Vidhi: जन्माष्टमी आज, जानें षोडशोपचार पूजा विधि, मंत्र, भोग सहित अन्य जानकारीआरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की…॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।
जटा के बीच,हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ ॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद।
टेर सुन दीन दुखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
शाम को स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करने के साथ घी का दीपक जला दें। इसके साथ ही रात 12 बजे तक श्री कृष्ण के भजन, गीत आदि गाएं। 12 बजने पर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं। उनका अभिषेक करने के बाद वस्त्र, माला, मुकुट आदि धारण कराएं। इसके बाद फूल, माला चंदन, अक्षत लगाने के साथ भोग में माखन-मिश्री, पंजीरी, तुलसी दल चढ़ाएं और धूप-दीपक दिखाकर आरती कर लें।
अगर आप षोडशोपचार तरीके से पूजा करना चाहते हैं, तो इस तरह कर सकते हैं।- श्री कृष्ण की षोडशोपचार पूजन विधि
देशभर के इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। वहीं गुवाहटी के इस्कॉन टेंपल में श्रीकृष्ण और राधा रानी का अभिषेक किया गया। (PC- PTI)

दूसरी ओर जन्माष्टमी के मौके पर जयपुर में स्थित राधा दामोदर मंदिर में पुजारियों ने अभिषेक किया।
देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। जगहह-जगह पर शोभायात्रा निकल रही है। ऐसे ही भोपाल में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर पालकी यात्रा निकली गई। (PC-PTI)

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा को माखन- मिश्री के अलावा कई चीजों का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा बाल गोपाल को पंचामृत, धनिया या फिर आटा की पंजीरी, नारियल से बनी मिठाई के अलावा मौसमी फल आदि चढ़ा सकते हैं। माना जाता है कि कान्हा को इन चीजों के साथ तुलसी दल जरूर चढ़ाएं। इससे वह जल्द प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को जीवन के हर दुख-दर्द से छुटकारा पाना है, तो श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। जन्माष्टमी के मौके पर इन मंत्रों का जाप करने से सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होगी।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ऊं कृं कृष्णाय नम:
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः
ऊँ नमः भगवते श्रीगोविन्दायः
ऐं क्लीं कृष्णाय हृीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्नसों
ऊँ श्रीं हृीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री
लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा से लेकर वृंदावन तक में लाखों लोग कान्हा के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। अगर आप किसी कारणवश नहीं पा पाएं हैं, तो घर बैठे ही ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं। इसके लिए आप Bankey Bihari Temple की ऑफिशियम वेबसाइट या फिर फेसबुक लाइव में कर सकते हैं।
अगर आप आज जन्माष्टमी का पर्व मना रहे हैं, तो जान लें कि आपके शहर में कस समय श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाना होगा शुभ।
नई दिल्ली- रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
नोएडा- रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक
गुरुग्राम- रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक
चेन्नई- आधी रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
जयपुर- आधी रात 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
हैदराबाद- रात 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक
चंडीगढ़- रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
कोलकाता- रात 11 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 58 मिनट तक
पुणे- आधी रात 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक
मुंबई- रात 12 बजकर 13 मिनट से 1 बजे तक
बेंगलुरु- रात 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक
अहमदाबाद- रात 12 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 01 मिनट तक
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा की नगरी दुल्हन की तरह सजकर तैयार है। कान्हा का जन्मोत्सव देखने के लिए देश-दुनिया से लाखों लोग पहुंच चुके हैं। रात के समय कुछ इस तरह नजर आया भगवान कृष्ण का मंदिर। (PC- PTI)

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कान्हा के साथ मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय कर सकते हैं। इन उपायों को करने से व्यक्ति को हर तरह के संकटों से छुटकारा मिल जाएगा। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, धन-संपदा की भी प्राप्ति होती है। भगवान कृष्ण को तुलसी दल चढ़ाने के साथ उन्हें झूले में अवश्य झुलाएं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का अभिषेक करना लाभकारी माना जाता है। इसलिए एक तांबे, चांदी, पीतल का बड़ा पात्र में भगवान कृष्ण की मूर्ति रखें। इसके बाद जल, गंगाजल, दूध, दही, शहद, चीनी आदि से अभिषेक करें। अंत में साफ जल अर्पित करें। इसके बाद साफ वस्त्र से पोंछकर चौकी या आसन में कृष्ण जी की मूर्ति रख दें।
जिस तरह तरह किसी बच्चे के जन्म लेने पर गर्भनाल काटी जाती है। ठीक उसी तरह जन्माष्टमी के मौके पर खीरे को डंठल से काटकर कान्हा के जन्म की परंपरा निभाई जाती है। जन्माष्टमी पर खीरा का मतलब है कि कान्हा ने मां देवकी के गर्भ से जन्म लेकर अलग करना है। इसी पूरी प्रक्रिया को नाल छेदन के नाम से जानते हैं।
जन्माष्टमी के मौके पर नोएडा में स्थित इस्कॉन मंदिर में मंगला आरती की गई। आज जन्माष्टमी के मौके पर इस्कॉन टेंपल में तड़के 4 बजकर 30 मिनट पर मंगला आरती की गई। इस खास मौके पर भक्तों की भारी भीड़ नजर आईं।
अगर आप भी आज व्रत रखे हैं और भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करना चाहते हैं, आज रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक सर्वोत्तम मुहूर्त बन रहा है। इसके साथ ही व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 06 बजकर 02 मिनट के बाद किसी भी समय कर सकते हैं।
हर साल दो दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। पहले दिन गृहस्थ लोग व्रत रखते हैं और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। इसलिए आज मथुरा, वृंदावन सहित अन्य कृष्ण मंदिरों में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
अगर भक्तों ने 6 सितंबर को जन्माष्टमी का व्रत रखा है, तो आज सुबह पारण नहीं कर पाएं हैं, तो अष्टमी तिथि के समापन के बाद व्रत पारण का कर सकते हैं। ऐसे में आज शाम 04 बजकर 14 मिनट के बाद करें।
Janmashtami 2023: बिना पारण अधूरा है जन्माष्टमी का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, कैसे खोलें अपना उपवास
ठाकुर बांके बिहारी में जन्माष्टमी का कार्यक्रम की समय सारणी