Shivling Jal Arpan Niyam in Hindi: भगवान शिव को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव को पंचदेवों में एक माना गया है। वे अत्यंत भोले हैं और उनकी पूजा विधि भी बहुत सरल है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवजी को प्रसन्न करना बहुत आसान है। वे अपने भक्तों द्वारा सिर्फ सच्चे मन से अर्पित किए गए एक लोटा जल और बेलपत्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन शिवजी का एक रौद्र और विकराल रूप भी है, जिसे उनके क्रोधित होने पर देखा जाता है। इसलिए उनकी पूजा करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है ताकि पूजा विधिपूर्वक हो और उसका फल मिले। ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं शिवलिंग पर चल चढ़ाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इन बातों का ध्यान रखें (Shivling Jal Arpan Niyam in Hindi)

दिशा का रखें खास ध्यान

शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। शिव पुराण के अनुसार, साधक को कभी भी दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल अर्पित नहीं करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिवजी की बाईं ओर माता पार्वती विराजमान रहती हैं और यह दिशा उत्तर की ओर मानी जाती है। इसलिए शिवलिंग पर जल अर्पण करते समय भक्तों को हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

खड़े होकर जल अर्पित न करें

शिवलिंग पर चल अर्पित करने समय इस बात का खास ध्यान रखें कि शिवलिंग पर कभी भी खड़े होकर जल अर्पण नहीं करना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार हमेशा बैठकर और मंत्रोच्चार के साथ जल चढ़ाना चाहिए। खड़े होकर जल अर्पण करने से पूजा का फल नहीं मिलता है।

तांबे के पात्र से जल अर्पण करें

शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे के पात्र का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। लोहे या अन्य धातुओं से बने बर्तनों से शिवलिंग पर जल अर्पित नहीं करना चाहिए। तांबा पवित्रता का प्रतीक है और इसे शिवजी की पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है।

शंख से जल न चढ़ाएं

शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, शिवजी ने एक बार शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था। शंख उसी राक्षस की हड्डियों से बना होता है। यही कारण है कि शिव पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता। जब भी शिवलिंग पर जल अर्पण करें तो इस बात का ध्यान रखें कि आप शंख का उपयोग न करें।

क्या शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं?

शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है। सुबह 5 बजे से लेकर 11 बजे के बीच जल चढ़ाना विशेष शुभ माना जाता है। शाम के समय जल अर्पण करने से बचना चाहिए क्योंकि यह समय शिवलिंग पूजा के लिए शुभ नहीं माना गया है। साथ ही जल में किसी अन्य सामग्री को मिलाने से भी बचना चाहिए। केवल शुद्ध जल से ही अभिषेक करें।

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