शिव धनुष से जुड़े हुए कुछ प्रसंग बड़े ही प्रसिद्ध हैं। इनमें से ही एक है श्री राम द्वारा शिव धनुष तोड़ने का प्रसंग। इसके मुताबिक, भगवान राम ने सीता स्वयंवर में शिव धनुष को तोड़ा था। कहते हैं कि जिस शिव धनुष को तमाम बलशाली राजा हिला तक नहीं पाए थे, उसे राम जी ने बड़ी ही आसानी से तोड़ दिया था। इसके बाद राम और सीता जी का विवाह सम्पन्न हुआ था। हालांकि कहा यह भी जाता है कि शिव धनुष टूटने से परशुराम जी काफी क्रोधित हुए थे। इस प्रसंग के बारे में तो काफी लोगों को पता है। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण भी शिव धनुष तोड़ चुके हैं। कृष्ण द्वारा शिव धनुष तोड़ने का प्रसंग भी बड़ा ही रोचक है। आइए विस्तार से पढ़ते हैं इस प्रसंग के बारे में।

इस प्रसंग के मुताबिक, कंस ने श्री कृष्ण को मारने की एक योजना बनाई थी। इस योजना के अनुसार उसने कृष्ण को अक्रूरजी द्वारा नंदगांव से मथुरा बुलाया। कृष्ण जी अक्रूरजी जी के साथ कंस के बुलावे पर मथुरा चले गए। कंस ने वहां पर धनुष यज्ञ का आयोजन किया था। बताते हैं कि कृष्ण कंस से मुलाकात से पहले इलाके में भ्रमण के लिए निकले। इस दौरान वह उस मंदिर पहुंचे जहां पर शिव धनुष रखा हुआ था।

शिव धनुष को देखने के बाद कृष्ण ने मंदिर के पुजारी और उसके रक्षक सैनिकों से उसे छूने की इच्छा प्रकट की। कृष्ण की यह बात सुनकर वे सभी हंसने लगे और इसकी इजाजत दे दी। श्री कृष्ण ने बड़ी ही सरलता के साथ उस धनुष को उठाकर तोड़ दिया। कंस को जब इस बात की खबर मिली तो वह बहुत ही खबरा गया। इसके अगले ही दिन श्री कृष्ण ने कंस की हत्या कर दी। इस प्रकार से मथुरा के लोगों को कंस के अत्याचारों से मुक्ति मिली।