Shiv Puran: भगवान शिव को देवों का देव कहा गया है, जो अनादि और सृष्टि की प्रक्रिया आदि के स्तोत्र भी हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से वह अति प्रसन्न होते हैं और जीवन में खुशहाली ही खुशहाली लाते हैं। वहीं अगर आप शिव मंदिर जा रहे हैं, तो बस एक लोटा जल चढ़ाने से भी वह प्रसन्न हो जाते हैं। महादेव को प्रसन्न करना के लिए कुछ ज्यादा सामग्री की जरूरत नहीं होती है। अगर आप भी शिव मंदिर जाते हैं, तो शिव जी को जल चढ़ाने के साथ बेलपत्र चढ़ाने के साथ-साथ तीन बार ताली अवश्य बजाएं। शिव पुराण के अनुसार, अगर आप भोलेनाथ के मंदिर जा रहे हैं और जल या फिर बेलपत्र भी नहीं चढ़ा पा रहे हैं, तो बस तीन बार ताली बजा दें। इन 3 ताली में इतनी शक्ति होती है कि व्यक्ति को हर रोग, दोष और भय से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं क्यों बजाते हैं तीन ताली और इसका क्या है तरीका…

शिव मंदिर में तीन ताली बजाने का कारण

शास्त्रों में शिव मंदिर में तीन ताली बजाने के पीछे कई कारण है, जो श्री राम,श्री कृष्ण और रावण से संबंधित है।

शास्त्रों के अनुसार, रावण को संसार का सबसे बड़ा पंडित और विद्वान माना जाता था और वह भगवान शिव का परम भक्त था। एक बार रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के कई प्रयत्न किए। लेकिन वह उनके सामने प्रकट नहीं हुए, तो रावण ने अपना सिर काटकर शिव के सामने रख दिया और तीन बार ताली बजाई और अपना दुख, विचार प्रभु को सुनाया।

दूसरी कथा श्री कृष्ण से संबंधित है। भगवान कृष्ण की कई पटरानियां थी। लेकिन किसी से भी संतान उन्हें नहीं प्राप्त हो रही थी। ऐसे में उन्होंने भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ तीन बार ताली बजाकर उनकी आराधना की। इससे उनकी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो गई।

तीसरी कथा के अनुसार,  जब प्रभु श्री राम माता सीता को लाने के लिए लंका जाने वाले थे, तो जाने से पहले उन्होंने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित करके विधिवत पूजा की।  इसके साथ ही उन्होंने तीन बार ताली बजाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी कामना कही।

तीन ताली बजाने का अर्थ

शिव मंदिर में ही जाकर तीन थाली बजाने का प्रावधान शास्त्रों में मिलता है। हर एक ताली का अपना-अपना अर्थ है।

  • पहली ताली का अर्थ है कि शिव जी के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
  • दूसरी ताली का अर्थ है आप प्रभु ,से अपनी याचना कहें। उनसे अपने दर्द-दर्द उनसे कहें।
  • तीसरी ताली का अर्थ है कि हे भगवान अब आप मुझे अपने चरणों और शरण में लें, जिससे मेरा उद्धार हो जाए।

क्या है ताली बजाने की सही विधि?

भगवान शिव के मंदिर जाकर किसी भी समय जाकर ताली नहीं बजा देना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह उस समय विश्राम या फिर ध्यान में हो। इसलिए हमेशा सुबह और संध्या के समय ही तीन बार ताली बजाना चाहिए। सबसे पहले एक थाली बजाएं और भोलेनाथ का ध्यान करें। इसके बाद दूसरी ताली बजाकर अपनी कामना कह दें। इसके बाद तीसरी ताली बजाकर बाबा से अपनी कृपा बनाए रखने के लिए कहें।