Shash Yoga In Kundali: ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मफलदाता, न्याय का देवता माना जाता है। मान्यता है कि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से शुभ या फिर अशुभ फल देते हैं। इसी के कारण उन्हें सबसे क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है, लेकिन शायद आपको यह बात नहीं पता होगी कि शनि भी शुभ फल प्रदान कर सकते हैं। शनि के साथ कई ऐसे योग बनते हैं जिसमें व्यक्ति को सुख-संपदा, सुख-शांति और खुशहाली की प्राप्ति होती है। ऐसे ही एक योग है ‘शश योग’ जिसे पंच महापुरुष में से से एक शुभ योग माना जाता है। जब शनि कुंभ, मकर या फिर तुला राशि के केंद्र में स्थिति हो और लग्न बलवान हो, तो इस योग का निर्माण होता है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है उन्हें  हर क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ काफी अमीर होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में शनि पहले, चौथे, सातवें या फिर दसवें घर में स्वराशि मकर या कुंभ राशि में विराजमान है, तो शश योग का निर्माण होता है।

क्या मिलता है शश योग का फल?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में शश योग बनता है। वह काफी सुखी होते हैं। समाज में उनका पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान होता है। इसके साथ ही ये लोग काफी धनी होते हैं। ऐसे में जब शनि किसी जातक की कुंडली में उच्च अवस्था में बैठते हैं, तो उस जातक को भाग्य का पूरा साथ मिलता है। नौकरी-बिजनेस में अपार सफलता मिलने के साथ-साथ अपार धन लाभ भी मिलता है।

शश योग बनने से व्यक्ति अच्छे कामों के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही शनि उसे समाज में मान-सम्मान के साथ प्रतिष्ठा दिलाते हैं। इसके साथ ही शश योग के कारण यह लोग घूमने के शौकीन होते हैं। अपने काम को पूरी निष्ठा से करने पर विश्वास रखते हैं और इसी के बल में वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं। इसके साथ ही शनि उनकी आयु को भी लंबे कर देते हैं। इसके साथ-साथ राजनीति के क्षेत्र में अपना परचम लहराते हैं।

ऐसी अवस्था में भी शनि बनाते हैं धनवान

अगर किसी की कुंडली में शश योग नहीं बन रहा है, तो उसे चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जिन लोगों का जन्म वृश्चिक या तुला राशि में हुआ है और उसकी कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत है, तो उन्हें भी आर्थिक, भौतिक सुख की प्राप्ति हो सकती है।

अगर शनि देवताओं के गुरु की राशि यानी धनु और मीन राशि के प्रथम भाव में विराजमान है, तो भी वह व्यक्ति को धनवान बना देते हैं।