Navratri 2022 Kanya Pujan : नवरात्रि में नौ दिन तक माता के 9 स्वरूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करके माता को विदा किया जाता है। मान्यता है कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देती हैं। कन्या पूजन में कन्याओं के माध्यम से माता तक भक्तों के द्वारा कराया गया भोजन पहुंच जाता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार कन्या पूजन के लिए 3 से 9 वर्ष की कन्याओं को ही आमंत्रित करना चाहिए। साथ ही 9 कन्याओं के साथ 1 लांगुर (बालक) का पूजन कर भोग लगाया जाता है। जिसे बटुक भैरव का रूप माना जाता है। इस साल अष्टमी तिथि 3 अक्टूबर और नवमी तिथि 4 अक्टूबर को पड़ रही हैं। इन दोनों ही तिथियों में कन्या पूजन किया जाएगा। आइए जानते हैं कन्या पूजन के नियम और लाभ…
3 साल की कन्या पूजन का फल
शास्त्रों के अनुसार 3 साल की कन्या को भोजन करवाने और पूजन करने से त्रिदेवी लक्ष्मी, सरस्वती और काली की पूजा का फल मिलता है। इससे तीनों देवियों प्रसन्न होकर सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
4 साल की कन्या पूजन का फल
देवी भागवत पुराण के अनुसार इस उम्र की कन्या को कल्याणी माना जाता है। साथ ही 4 साल की कन्या का पूजन और उन्हें भोजन कराने से यश और वैभव की प्राप्ति होती है।
5 व 6 साल की कन्या पूजन का फल
कन्या पूजन में 5 साल की कन्या का पूजन करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। इन्हें देवी रोहिणी के नाम से जाना जाता है जो देवी पार्वती की बहन हैं। साथ ही 6 साल की कन्या पूजन से धन और वैभव में वृद्धि होती है। वहीं 6 साल की कन्या को कालिका देवी के रूप में माना जाता है। इनके पूजन से सभी भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।
7 व 8 साल की कन्या पूजन का फल
कन्या पूजन में 7 साल की कन्या को भोजन कराने से गुप्त शत्रुओं का नाश होता है। साथ ही आयु में वृद्धि होती है। धन आगमन के मार्ग खुलते हैं। वहीं 7 साल की कन्या को चण्डिका देवी के रूप में माना जाता है। जबकि 8 साल की कन्या देवी शांभवी रूप में होती हैं, जिनकी पूजा करने से मान- सम्मान की प्राप्ति होती है।
9 साल की कन्या पूजन का फल
देवी भागवत पुराण के अनुसार 9 साल की कन्या की जो पूजा करते हैं। वह मां दुर्गा की पूजा का फल पाते हैं। इस उम्र की कन्या को दुर्गा रूप में माना गया है जिन्हें भोजन करवाने से सभी काम बनते हैं और धन, वैभव में वृद्धि होती है। साथ ही सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।