Shardiya Navratri 2025 Day 3: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के मुताबिक साल में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती है। गृहस्थ लोगों के लिए चैत्र और शारदीय नवरात्रि काफी खास होती है। इस दौरान मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि आरंभ हो चुकी है, जो दशमी तिथि को व्रत का पारण करने के साथ समाप्त होगी। बता दें कि इस साल शारदीय नवरात्रि 9 नहीं बल्कि पूरे 10 दिनों की पड़ रही है। इस कारण इस साल तृतीया तिथि एक नहीं बल्कि दो दिन पड़ेगी। ऐसे में मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा दो दिनों तक की जाएगी। ऐसा संयोग कई सालों के बाद बन रहा है। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि 10 दिन होने का कारण और तृतीया तिथि के दौरान मां चंद्रघंटा को कैसे करें प्रसन्न…

Navratri Day 3, Maa Chandraghanta Vrat Katha: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, पूजा के समय अवश्य पढ़ें मां चंद्रघंटा की ये व्रत कथा, हर काम में होंगे सफल

9 नहीं 10 दिन की होगी शारदीय नवरात्रि

बता दें कि इस साल शारदीय नवरात्रि पूरे 10 दिनों की होगी, जो दशहरा के साथ समाप्त होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, ऐसा संयोग 1998 में बना था। उस समय चतुर्थी तिथि दो दिनों तक थी । जिसके कारण मां कूष्मांडा की पूजा दो दिनों तक की गई थी।

तृतीया तिथि पर अद्भुत योग

ज्योतिषी सलोनी चौधरी के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन दो दिन पड़ रहा है। दरअसल, तृतीया तिथि 24 सितंबर को सुबह 4 बजकर 51 मिनट से आरंभ हुई है, जो 25 सितंबर को सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। ऐसे में तृतीया तिथि में वृद्धि होने के कारण मां चंद्रघंटा की पूजा दो दिन की जाएगी। 

मां चंद्रघंटा का स्वरूप

मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप का जन्म हुआ, जिनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। मां चंद्रघंटा के गले में सफेद पुष्पों की माला शोभा बढ़ाती है और वे बाघ पर आरूढ़ रहती हैं। उनके दस भुजाओं में कमल, धनुष, बाण, खड्ग, कमंडल, तलवार, त्रिशूल, गदा सहित अनेक दिव्य अस्त्र विद्यमान हैं।

नवरात्र की तिथियां और देवी स्वरूप

22 सितंबर – प्रतिपदा : शैलपुत्री
23 सितंबर – द्वितीया: ब्रह्मचारिणी
24-25 सितंबर – तृतीया : चंद्रघंटा (दो दिन)
26 सितंबर – चतुर्थी : कूष्मांडा
27 सितंबर – पंचमी : स्कंदमाता
28 सितंबर – षष्ठी : कात्यायनी
29 सितंबर – सप्तमी : कालरात्रि
30 सितंबर – अष्टमी : महागौरी
01 अक्तूबर – नवमी : सिद्धिदात्री

अंबे जी की आरती (Maa Ambe Ki Aarti Lyrics)

अंबे जी की आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥

सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।

वरद हस्त सर पर रख दो मां संकट हरने वाली॥
मां भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,

भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

सितंबर माह के चौथे सप्ताह शारदीय नवरात्रि के साथ आरंभ हो रहा है। इसके साथ ही इस सप्ताह महालक्ष्मी, सूर्य ग्रहण से लेकर समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक टैरो राशिफल

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मिथुन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकर्क राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
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तुला राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृश्चिक राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
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कुंभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमीन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल

डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।