Shardiya Navratri 2025 Bhajan: 22 सितंबर के साथ शारदीय नवरात्रि आरंभ हो गई थी, जो 2 अक्टूबर को दशमी तिथि के साथ समाप्त होगी। इस दौरान देशभर के मां के मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा लग रहा है। घर में कलश स्थापना करने से लेकर माता के कीर्तन आदि किए जा रहे हैं। अगर आप भी माता रानी के प्यारे भजन सुनना चाहते हैं, तो इन भजनों को अपनी प्ले लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। मेरी अखियों के सामने ही रहना मां जगदम्बे को लखबीर सिंह लक्खा ने गाया है। इस मधुर भजन को सुनकर हर भक्त भाव-विभोर होकर मां की भक्ति में लीन हो जाता है। शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर आप भी गाएं मेरी अखियों के सामने ही रहना मां जगदम्बे लिरिक्स इन हिंदी।

मेरी अखियों के सामने ही रहना मां जगदम्बे लिरिक्स (Meri Akhion Ke Samne Hi Rehna Maa Jagdambe Lyrcis)

मेरी अखियों के सामने ही रहना,
मां शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के,
भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर मां,
चरणों से हमको कभी करना ना दूर मां॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना,
शेरों वाली जगदम्बे आँचल में मुझे छिपा लेना॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

तुम हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली,
तुम हो दुर्गा हो अम्बे मैया तुम हो काली॥
बन के अमृत की धार सदा बहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

तेरे बालक को कभी मां सबर आए,
जहां देखूं मां तू ही तू नज़र आये॥
मुझे इसके सीवे कुछ ना कहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी,
लक्खा गाता रहे तेरा गुणगान मैया जी॥
है भजन तेरा भक्तो का गहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥

मेरी अखियों के सामने ही रहना,
मां शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने…॥

तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है लिरिक्स (Tere Darbar Me Maiya Khushi Milti Hai Lyrics)

तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे॥

तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है,
जिंदगी मिलती है रोतों को हँसी मिलती है॥

Kanya Pujan 2025 Date: शारदीय नवरात्रि पर कब करें कन्या पूजन? जानें सही तिथि, मुहूर्त, सामग्री और महत्व

इक अजब सी मस्ती तन मन पे छाती है,
हर इक जुबां तेरे ओ मैया गीत गाती है,
बजते सितारों से मीठी पुकारो से,
गूंजे जहाँ सारा तेरे ऊँचे जयकारो से,
मस्ती मे झूमे तेरा दर चूमे,
तेरे चारो तरफ दुनिया ये घुमे,
ऐसी मस्ती भी भला क्या कहीं मिलती है,
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है॥

मेरी शेरों वाली माँ तेरी हर बात अच्छी है,
करनी की पूरी है माता मेरी सच्ची है,
सुख-दुख बँटाती है अपना बनाती है,
मुश्किल मे बच्चे को माँ ही काम आती है,
रक्षा करती है भक्त अपने की,
बात सच्ची करती उनके सपनो की,
सारी दुनिया की दौलत यही मिलती है,
तेरे दर बार मे मैया खुशी मिलती है॥

रोता हुआ आये जो हँसता हुआ जाता है,
मन की मुरादो को वो पाता हुआ जाता है,
किस्मत के मारो को रोगी बीमारों को,
करदे भला चंगा मेरी माँ अपने दुलारौ को,
पाप कट जाये चरण छूने से,
महकती है दुनिया माँ धुने से,
फिर तो माँ ऐसी कभी क्या कहीं मिलती है,
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है॥