Shardiya Navratri 2025 Akhand Jyoti Vastu Tips: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही है, जो नवमी तिथि को महानवमी के साथ समाप्त होगी। इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक है। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा और व्रत रखने का विशेष विधान है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ-साथ अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है, जो पूरे नौ दिनों तक निरंतर जलती रहती है। इसे देवी मां की दिव्य शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। वास्तु और धर्म शास्त्र के अनुसार, अखंड ज्योति से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इनका पालन करने से मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है, घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते समय किस दिशा में रखें दीपक सहित अन्य जानकारी…

शारदीय नवरात्रि की अखंड ज्योति का अर्थ

‘अखंड’ का अर्थ है—जो कभी बुझ न सके। यही कारण है कि नवरात्रि में दीपक को लगातार जलाए रखने का विशेष महत्व है। यदि किसी कारणवश पूरे नौ दिनों तक अखंड दीपक जलाना संभव न हो, तो कम से कम अष्टमी या नवमी के दिन 24 घंटे के लिए अखंड दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

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शारदीय नवरात्रि पर किस दिशा में रखें अखंड ज्योति

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अखंड दीपक स्थापित करने की सबसे शुभ दिशा आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) है। इस दिशा में दीपक रखने से घर में सुख-समृद्धि, धन-संपदा और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और परिवार में सौहार्द बना रहता है। इस बात का ध्यान रखें कि दीपक का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए, तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।

अखंड ज्योति की लौ किस दिशा में होना शुभ है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, शारदीय नवरात्रि में जलाए जाने वाले दीपक की लौ की दिशा भी जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालती है। जानें किस दिन की ओर लौ होने से क्या फल मिलता है।

पूर्व दिशा की ओर लौ – आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
उत्तर दिशा की ओर लौ – धन लाभ और समृद्धि के योग बनते हैं।
पश्चिम दिशा की ओर लौ – दुख-दरिद्रता और कष्ट बढ़ सकते हैं।
दक्षिण दिशा की ओर लौ – धन हानि और आर्थिक परेशानी का संकेत देती है।

अखंड दीपक से जुड़े विशेष नियम

  • दीपक को घी या तिल के तेल से ही प्रज्वलित करें।
  • दीपक की बाती लाल या पीले रंग के कपास से बनाएं।
  • अखंड दीपक की देखभाल हेतु किसी एक सदस्य की जिम्मेदारी तय करें, ताकि वह बुझ न पाए।
  • दीपक के आसपास पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखें।
  • पूजा स्थान पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक कार्य, क्रोध या विवाद न करें।

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शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के मंत्र

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।।
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।

सितंबर माह के चौथे सप्ताह शारदीय नवरात्रि के साथ आरंभ हो रहा है। इसके साथ ही इस सप्ताह महालक्ष्मी, सूर्य ग्रहण से लेकर समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक टैरो राशिफल

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डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।