Navratri quotes By Gurudev Shri Shri Ravi Shankar: मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि आरंभ हो चुकी है। 3 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्रि के दौरान साधन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कलश की स्थापना करते हैं। इसके साथ ही कई साधक व्रत भी रखते हैं। नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है नौ रातें, जिसने साधक देवी मां की पूजा अर्चना करने के साथ ध्यान आदि करते हैं। साल के नौ दिन देवी को समर्पित होते हैं। अक्टूबर में पड़ने वाली नवरात्रि काफी खास होती है। इस दौरान शक्ति स्वरूपा मां जगत जननी की विधिवत पूजा करने के साथ उपवास करते साधक उनके प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं। लेकिन आप क्या जानते हैं कि आखिर नवरात्रि का सही अर्थ क्या है और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करना क्यों खास माना जाता है। गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर इस त्योहार के गहन आध्यात्मिक पहलुओं को आपके सामने लेकर आए हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि का असल अर्थ क्या है…
नवरात्रि गहन मौन और आनंद के साथ बाह्य जगत से अपने अंत:करण तक की सुखमयी यात्रा है।
नवरात्रि उस अनभिज्ञ, असीम चेतना को अनुभव करने का एक सुअवसर है। ध्यान, ज्ञान और सत्संग आपको अपने स्त्रोत की ओर लौटने में सहायता प्रदान करते हैं।
नवरात्रि हमें उस ईश्वरीय चेतना का आभास कराती है, जो इस संसार में माँ के वात्सल्य जैसे हमारी देखभाल करती है।
हर रूप, हर नाम में दिव्यता को देखना और अपने स्त्रोत से पुन: जुड़ना – यही नवरात्रि का संदेश है।
द्वैत पर अद्वैत की विजय ही नवरात्रि है।
दिव्यता कुछ और नहीं, अपितु शुद्ध जीवंत ऊर्जा का एक स्वरूप है।
दिव्यता हर ओर व्याप्त है और अव्यक्त भी। पूजा उस अव्यक्त को व्यक्त करने की एक प्रक्रिया है।
किसी भी अनुभव के शिखर पर पहुँचने के लिए भीतर दैवीय चेतना का जागृत होना आवश्यक है। मौन आपको गहराई प्रदान करता है। उत्सव मौन की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है।
नवरात्रि रहस्य को प्रकट करने, रहस्य से पर्दा उठाने और उस स्रोत से पुनः जुड़ने का पर्व है जहां से सब कुछ उत्पन्न हुआ है।
नवरात्रि आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक स्तर पर विश्राम प्रदान करती है।
नवरात्रि में ब्रह्मांड की सारी विविधताएं एक दिव्यता को प्रकट करने के लिए एकत्रित होती हैं जो आपको प्यार करती है और उत्थान करती है; एक माँ की तरह आपकी देखभाल करती है।
रात्रि विश्राम का समय भी है। इन नौ रातों में अच्छी तरह आराम करें और अपने भीतर के ब्रह्मांड को प्रकट होने दें।