Navratri Kalash Sthapana: हिंदू पंचांग के अनुसार, 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही है। इस दौरान अगले 10 दिनों तक नवरात्रि का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाएगी। नवरात्रि में कलश स्थापना करते समय कलश किस दिशा में कैसे रखें और उसमें क्या-क्या लिखे। इस बारे में तो हमें भली-भांति पता है। लेकिन कलश के ऊपर रखें नारियल को कैसे रखने से क्या फल मिलता है। इसके बारे में काफी कम लोगों को शायद पता होगा। आइए जानते हैं कलश के ऊपर नारियल रखते समय कौन-कौन सी गलतियां न करें…
शास्त्रों के अनुसार, कलश को सुख-समृद्धि और मंगल कार्य का प्रतीक माना जाता है। लेकिन नारियल के बिना कलश अधूरा माना जाता है।
कलश के ऊपर नारियल क्यों रखते हैं?
शास्त्रों में नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। जिसमें त्रिदेवों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश जी का वास होता है। इसे रखने से आपका काम बिना किसी बाधा पूरा हो सकता है।
कलश के ऊपर कैसे रखें नारियल? (Kalash Me Nariyal Rakhne Ke Niyam)
शास्त्रों के अनुसार, कलश में नारियल रखते समय कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए, वरना इसका फल उल्टा पड़ता है। नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसे कलश के ऊपर स्थापित करने से देवता और तीर्थ मंगलकारी हो और मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहे
शास्त्रों में कलश पर नारियल रखने के विषय में बताया गया है कि “अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय, ऊर्धवस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय, तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीलेलंष्।” यानी कलश पर नारियल का मुख नीचे हो, तो शत्रुओं की वृद्धि होती है। इसके अलावा नारियल खड़ा करके रखते हैं और उसका मुंह ऊपर की ओर होता है तब रोग बढ़ता है यानी घर में रहने वाले लोग अधिक बीमार होते हैं। अगर नारियल का मुख पूर्व दिशा की ओर होता है, तो आर्थिक हानि होती है।
नारियल को हमेशा लाल रंग के कपड़े में लपेट लें और मौली यानी कलावा से बांध दें। इसके बाद नारियल को इस तरह से रखें कि उसमें बनी आंखें आपकी तरफ ऊपर की ओर हो यानी जिस तरफ से वह पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है। उसी तरह से उसे रखें।
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