शास्त्रों में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इस दिन मां लक्ष्मी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इसे रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी व्रत जैसे नामों से भी जानते हैं। ज्योतिष अनुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। लेकिन पूजा करने के बाद आरती करना जरूरी होता है। वरना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की आरती के बारे में…
Laxmi Ji Ki Aarti: यहां पढ़े लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,
तुमको निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता….।।
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता,
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता,
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti) :
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥