आज (13 अक्टूबर) शरद पूर्णिमा है। इसके लिए मथुरा-वृंदावन में तैयारियां जोरों पर हैं। बता दें कि शरद पूर्णिमा पर वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी स्वर्ण-रजत जड़ित सिंहासन पर विराजमान होंगे। इस दौरान वह राजभोग और शयनभोग के समय भक्तों को विशेष दर्शन देंगे। इसके लिए देश-दुनिया से हजारों श्रद्धालु वृंदावन पहुंच चुके हैं। शरद पूर्णिमा पर निधिवन में महारास का आयोजन भी किया जाएगा।

राजभोग आरती का यह है समय: बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत के मुताबिक, रविवार सुबह 7:45 बजे बांकेबिहारी मोर मुकुट, श्वेत कटि कांछनी व बांसुरी धारण करेंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इसके बाद दोपहर 12:55 बजे राजभोग आरती होगी। वहीं, शाम 5:30 बजे बांकेबिहारी के दर्शन दोबारा मिलने शुरू होंगे और रात 10:25 बजे शयनभोग आरती होगी। उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा पर बांकेबिहारी को खीर और चंद्रकला आदि का भोग लगाया जाएगा।

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महारास की यह है टाइमिंग: शरद पूर्णिमा पर निधिवन में महारास का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम शाम 6:30 बजे से शुरू होगा। सेवायत के मुताबिक, स्वामी जी की साधना स्थली में महारास का कार्यक्रम अनूठा होगा। इसके अलावा राधाबल्लभ मंदिर, सनेह बिहारी, प्रेम मंदिर, यशोदानंदन धाम, श्रीजी की बड़ी कुंज, शाहजी मंदिर आदि में ठाकुर जी धवल चांदनी में दर्शन देंगे।

आज से शुरू होगी पंचकोसीय परिक्रमा: जानकारों के मुताबिक, शरद पूर्णिमा से ही वृंदावन की एक माह की परिक्रमा शुरू हो जाएगी। यह परिक्रमा कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगी। कार्तिक नियम धारण करने वाले श्रद्धालु सुबह 4 बजे से पंचकोसीय परिक्रमा देंगे।

कल से होगा दीपदान: ज्योतिषियों के मुताबिक, वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में 14 अक्टूबर (कार्तिक पड़वा) से 12 नवंबर तक दीपदान किया जाएगा। बांकेबिहारी के सेवायत के मुताबिक, कार्तिक महीने के दौरान रोजाना 1100 दीपक बांकेबिहारी के समक्ष जलाए जाते हैं। इसके लिए मंदिर प्रांगण में विशेष व्यवस्था की गई है।