Shani Mantra: शनि देव के क्रोध के कारण भक्तों के मन में घबराहट महसूस होने लगती है। खासकर तब जब व्यक्ति शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या से परेशान हो। शनि महाराज न्याय के देवता माने जाते हैं जो सभी को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। पिछले महीने की 11 तारीख को शनि वक्री हुए थे जिसका प्रभाव लगभग हर राशि पर पड़ा। शनि की उल्टी चाल विशेष तौर पर शनि साढ़े साती या ढैय्या से पीड़ित जातकों को परेशान करती है। शनि के बुरे प्रभाव से व्यक्ति को व्यापार, नौकरी से लेकर वैवाहिक जीवन तक में दिक्कतें आने लगती हैं। लेकिन अगर शनि मजबूत हैं तो ये व्यक्ति को इन सब क्षेत्रों में आपार सफलताएं भी दिलाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में जिनके जाप से शनि देव हो सकते हैं खुश-
शनि का तंत्रोक्त मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
सामान्य शनि मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि मंत्र
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
मंत्र
ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।
ये करें उपाय: कभी भी शनि महाराज की पूजा उनकी मूर्ति के सामने नहीं करना चाहिए। शनिदेव की पूजा वहीं करें जहां उनकी शिला मौजूद हो। प्रतीक रूप में शमी या पीपल के पेड़ की पूजा करना भी लाभकारी माना गया है। इसके अलावा, मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से भी दंड के स्वामी खुश होते हैं। ऐसा माना जाता है कि काले कुत्ते को घी की रोटी खिलाने से, जरूरतमंदों को दान देने से और उड़द दाल का दान करने से भी शनि महाराज प्रसन्न होते हैं।
मंत्र जाप के दौरान इन बातों का रखें ध्यान: शनि को प्रसन्न करने के लिए किसी भी मंत्र के जाप से पहले स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद शनिदेव के मंदिीर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना करें। उसके उपरांत ही मंत्रोच्चारण करें।