Shani Vakri 2025 With Guru Atichari: वैदिक ज्योतिष अनुसार ग्रह समय- समय पर अतिचारी और वक्री होते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर पड़ता है। आपको बता दें कि शनि देव जुलाई में वक्री चाल चलने जा रहे हैं तो वहीं गुरु गोचर करते हुए मिथुन राशि में 14 मई को प्रवेश करेंगे और अतिचारी गति से चलते हुए 5 महीने बाद कर्क राशि में 18 अक्तूबर को प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में शनि वक्री होना और गुरु का अतिचारी होना कुछ राशियों को लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। साथ ही इन राशियों को आकस्मिक धनलाभ के साथ भाग्योदय के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं…
मिथुन राशि (Mithun Zodiac)
आप लोगों के लिए शनि देव का वक्री होना और गुरु का अतिचारी होना लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। क्योंकि शनि देव आपकी राशि से नवम भाव वक्री और गुरु लग्न भाव पर अतिचारी होंगे। इसलिए इस समय आपको किस्मत का साथ मिल सकता है। साथ ही आपके कार्य करने की शैली में निखार होगा। वहीं इस समय आप देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। साथ ही विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए समय अनुकूल है। प्रॉपर्टी से लाभ के योग बन रहे हैं और पारिवारिक विवाद सुलझ सकते हैं।
वृष राशि (Taurus Zodiac)
शनि देव का वक्री होना और गुरु ग्रह का अतिचारी होना वृष राशि के जातकों को अनुकूल साबित हो सकता है। क्योंकि गुरु ग्रह आपकी राशि से दूसरे भाव पर अतिचारी तो वहीं शनि देव आपकी राशि से इनकम और लाभ स्थान पर वक्री होंगे। इसलिए इस समय आपकी वाणी में प्रभाव बढ़ेगा, जिससे लोग इंप्रेस होंंगे। वहीं व्यापार में अचानक बड़ा लाभ हो सकता है, साथ ही सरकारी कार्यों में सफलता और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि भी संभव है। साथ ही इस समय आपको निवेश से लाभ के योग बन रहे हैं।
मीन राशि (Meen Zodiac)
गुरु ग्रह का अतिचारी और शनि देव का वक्री होना मीन राशि के लोगों को शुभ फलदायी सिद्ध हो सकता है। क्योंकि गुरु ग्रह आपकी राशि से चतुर्थ भाव पर अतिचारी तो वहीं शनि देव आपकी गोचर कुंडली के लग्न भाव पर वक्री होने जा रहे हैं। इसलिए इस समय आप लोगों को भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही इस समय आय के नए स्रोत बनेंगे, मानसिक दृढ़ता और निर्णय क्षमता में वृद्धि होगी। वहीं आप वाहन और प्रापर्टी खरीद सकते हैं।