Shani Vakri 2020: शनि हर ढाई साल में अपनी चाल बदलते हैं। शनि का राशि परिवर्तन इस साल 24 जनवरी को हो चुका है और अब ये अपनी वक्री चाल चलेंगे। वक्री का मतलब शनि की उल्टी चाल से है। 11 मई से शनि वक्री चाल चलने लगेंगे। जिससे उन लोगों के कष्ट बढ़ जायेंगे जिन पर शनि साढ़े साती या फिर ढैय्या चल रही है। जानिए वक्री शनि किन राशियों पर रहेगा भारी और क्या है इसे शांत करने के उपाय…
Rashifal: 2020 की 5 लकी राशियां, जिनकी अप्रैल के बाद से चमकने वाली है किस्मत
शनि के वक्री होने का समय: शनि 11 मई को अपनी चाल में परिवर्तन करेंगे। ये वक्री चाल से 142 दिन तक मकर राशि में चक्कर लगाएंगे। उसके बाद 29 सितंबर से शनि फिर से इसी राशि में मार्गी अवस्था में आ जाएंगे।
5 राशियों पर शनि का अशुभ प्रभाव: शनि का अशुभ प्रभाव उन राशि के जातकों पर पड़ेगा जिन पर शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या चल रही है। पर ऐसा तब ही होगा जब शनि आपकी कुंडली में बुरी अवस्था में हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में विराजमान हैं उन्हें इससे लाभ होगा। पर जो लोग शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या से परेशान हैं उनके कष्ट जरूर बढ़ जायेंगे। धनु, मकर और कुंभ पाशि के जातक शनि की साढ़े साती की चपेट में हैं तो उन्हें शनि की उल्टी चाल से सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा मिथुन और तुला वाले शनि ढैय्या की चपेट में हैं उन्हें भी शनि परेशान करेंगे।
[bc_video video_id=”5983148197001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]
शनि के उपाय:
– शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हर शनिवार को शनि देव के लिए उपवास रखें।
– शाम के समय पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
– शनि के बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः, का 108 बार जाप करें। बेहतर होगा ये काम शनिवार को करें।
– शनि के प्रिय रंग काले और नीले रंग के कपड़े पहनें।
– गरीबों की सहायता करें उन्हें भोजन वितरित करें।
– मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी न करें।
– काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं।