Shani Transit In Kumbh Zodiac: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्यायाधीश की उपाधि दी गई है। मतलब वह कर्मों के अनुसार व्यक्ति को फल प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि शनि देव धीमी चाल से गोचर करते हैं। साथ ही शनि ग्रह एक राशि में ढाई वर्ष तक रहते हैं। वहीं ज्योतिष अनुसार शनि देव गोचर करते हैं तो किसी राशि पर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती शुरू होती है, तो किसी को इससे मुक्ति मिलती है। आपको बता दें कि शनि देव 17 जनवरी को कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जिससे कुछ राशियों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू होने जा रहा है। आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं…
जानिए क्या होती है शनि की ढैय्या
ज्योतिष शास्त्र अनुसार जब शनि गोचर कुंडली के चौथे या आठवें भाव में विराजमान हों तो उस स्थिति में शनि की ढैय्या कहलाती है। क्योंकि चौथे स्थान से मानसिक सुख और भौतिक सुख और आठवें भाव से दुर्घटना और आयु का विचार किया जाता है तो जब भी आपकी चंद्र राशि से शनि इन स्थान में गोचर करते हैं, तो उसे शनि की ढैय्या कहा जाता है। शनि की ढैय्या ढाई साल तक चलती है।
इन राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या
ज्योतिष शास्त्र अनुसार 17 जनवरी 2023 से कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों पर ढैय्या शुरू होने जा रही है। वहीं कर्क राशि के लोगों की गोचर कुंडली के आठवें भाव में, तो वहीं वृश्चिक राशि के लोगों के लिए चौथे स्थान से शनि का गोचर शुरू होने जा रहा है। जिससे इन राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू होने जा रही है। इसलिए इस लोगों को थोड़ा संभालकर रहना चाहिए। इस समय व्यापार धीमा चलेगा। साथ ही इस समय वाहन संभालकर चलाएं, क्योंकि दुर्घटना के योग बन रहे हैं।
करें ये उपाय
1- हर शनिवार शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा का पाठ करें। साथ ही शनि प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
2- शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही हनुमान जी को लड्डुओं का भोग लगाएं।
3- किसी जरूरतमंद या गरीब को शनिवार के दिन काला कपड़ा, काले तिल और काले चने को किसी दान में दें। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है।
4- प्रत्येक शनिवार के दिन ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ और ऊं शं शनिश्चरायै नमः’ इन दो मंत्रों का जाप करें।