Shani Sadesati : कई लोगों की कुंडली में शनि साढ़ेसाती के योग बने रहते हैं। इस वजह से उन्हें कई प्रकार की नकारात्मक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। लोग कई परेशानियों को किस्मत के सहारे रहकर सहते रहते हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि शनि साढ़ेसाती से बचा जा सकता है। कहते हैं कि शनिदेव की कृपा प्राप्त हो जाए तो शनि साढ़ेसाती के प्रकोपों से बचा जा सकता है। शनि साढ़ेसाती से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में भी कई उपाय बताए गए हैं।
शनि साढ़ेसाती के उपाय (Shani Sadesati Ke Upay)
रोज पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं। साथ ही दिन ढलने के बाद पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं। संभव हो तो काले तिल, उड़द की दाल और लौहे की कील भी अर्पित करें।
शनिवार की शाम काले रंग के आसन पर बैठकर ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का जाप करें। संभव हो तो इसका 11 माला जाप जरूर करें। इस उपाय से बहुत जल्द शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
पक्षियों को दाना डालने का नियम बनाएं। नियमित तौर पर सात प्रकार का अनाज लेकर पक्षियों के लिए दान करें। साथ ही एक पात्र भी दान करें। उसे रोजाना साफ पानी से भरकर पक्षियों के लिए रखें। आप चाहें तो इसे घर की छत पर भी रख सकते हैं। लेकिन सड़कों पर बैठने वाले पक्षियों के लिए दान करना अधिक फलदायी साबित होता है।
कुष्ठ रोगियों को काले रंग का कपड़ा, काली दाल, काले तिल, लौहे की कील, काले रंग का भोजन, काले चने या काला पेय पदार्थ दान करें। संभव हो तो इन सबका दान करें। लेकिन अगर समर्थ न हो तो इनमें से कोई एक चीज दान करने का नियम बनाएं।
काले कुत्ते को नियमित तौर पर एक रोटी जरूर खिलाएं। कुछ लोग उपाय के नाम पर कुत्तों को मांस खिलाते हैं। ध्यान रखें कि तामसिक भोजन खिलाने को दान नहीं माना जाता है। इसलिए कुत्ते को सात्विक भोजन या रोटी ही खिलाएं।
शरीर के निचले हिस्से यानी पेट और टांगों पर काले कपड़ें पहनें। कभी भी शरीर के ऊपरी हिस्से यानी पेट के ऊपर काले कपड़े न पहनें। बाएं पैर में काले रंग का धागा पहनना चाहिए।