Shani Sadesati: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव की साढ़ेसाती जिस जातक पर चलती है। उसे अपार कष्ट और भारी परेशानियों का सामान करना पड़ता है। ज्योतिष में शनि देव की साढ़ेसाती से राहत के कई उपाय भी बताए गए हैं।

वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। आइए जानते हैं कि इन तीन चरणों में शनि देव की साढ़ेसाती का जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है।

शनि देव की साढ़ेसाती के कितने चरण होते है?

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक शनि देव की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। पहला उदय चरण, दूसरा शिखर चरण और तीसरा अस्त चरण होता है।

क्या है शनि देव की साढ़ेसाती का उदय चरण?

उदय चरण शनि देव की साढ़ेसाती का प्रारंभिक चरण होता है। इस चरण में जिस जातक पर साढ़ेसाती चल रही होती है। उसे धन हानि, व्यापार में घाटा आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कार्यस्थल और पेशेवर जीवन में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

क्या है शनि देव की साढ़ेसाती का शिखर चरण?

वहीं शिखर चरण में शनि देव की साढ़ेसाती चरम पर होती है। जिस जातक पर साढ़ेसाती चल रही होती है। उसे इस चरण में सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पेशेवर जीवन और करियर में कड़ी मेहनत के बाद भी अच्छे नतीजे नहीं मिलते हैं।

क्या है शनि देव की साढ़ेसाती का अस्त चरण?

अस्त चरण में जातक के खर्च बढ़ने के कारण आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अचानक धन हानि भी होने की प्रबल संभावना रहती है। अगर छात्र जातक पर शनि देव की साढ़ेसाती चल रही है, तो इस चरण में पढ़ाई में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

इन उपायों से शनि देव की साढ़ेसाती से राहत मिलने की है मान्यता

-शनिववार के दिन शनि देव की पूजा करें।
-शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
-काले तिल और काली वस्तुओं का दान करें।
-हनुमान जी की पूजा करें और सुंदरकांड का पाठ करें।