शनि महाराज (Shani Dev) 24 जनवरी से मकर राशि (Makar Rashi) में विराजमान हैं। जो अगले ढाई साल तक इसी राशि में रहेंगे। इस दौरान धनु, मकर और कुंभ वाले शनि साढ़े साती की चपेट में रहेंगे। तो मिथुन और तुला वाले इसकी ढैय्या के प्रभाव में रहेंगे। शनि का प्रभाव जिन राशियों पर रहता है उन्हें बेहद ही सावधान रहने की जरूरत पड़ती है। क्योंकि शनि सभी को कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं।

11 मई को शनि मकर राशि में उल्टी चाल (Shani Vakri) चलने लगेंगे। जिससे इनके प्रभाव में आई राशियों के कष्ट और भी ज्यादा बढ़ जायेंगे। अगर शनि आपकी कुंडली में मजबूत स्थिति में है तो शनि की ये चाल आपको लाभ भी पहुंचा सकती है। शनि की चपेट में आए जातकों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। जैसे अपने से बड़ों का सम्मान और उनकी सेवा करें। गरीबों की सहायता करें। घर बैठे ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करें। इसी के साथ शनि को प्रसन्न करने के लिए बहुत से उपाय ज्योतिषियों द्वारा बताएं जाते हैं…

– शनि को प्रसन्न करने के लिए भगवान शंकर और हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है।

– हो सके तो किसी ज्योतिष की सलाह से नीलम रत्न धारण करें। ये शनि का प्रिय रत्न है।

– शनिवार के दिन हनुमान जी, शनि मंदिर एवं पीपल के पेड़ के पास शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ये अत्यंत लाभकारी माना गया है।

– झूठ बोलने या किसी को धोखा देने से बचें। शनि साढ़े साती या ढैय्या के समय किसी भी तरह के गलत काम न करें।

– 16 शनिवार सूर्यास्त्र के समय पानी वाला नारियल, 5 बादाम, कुछ पैसे शनि मंदिर में चढ़ाएं।

– भैरवजी की उपासना करें और शाम के समय काले तिल के तेल का दीपक जलाकर शनि दोष की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

– एक कांसे की कटोरी लें। उसमें तिल का तेल भर लेंं। अपना मुख उस कटोरी में देख कर और काले कपड़े में काली उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर किसी डाकोत यानी शनि का दान लेने वाले को दान कर दें।