Shani Rashi Parivartan: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को विशेष महत्व दिया गया है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार शनि देव न्याय के देवता हैं। शनि देव हर ढाई साल में राशि बदलते हैं। इस साल शनि देव अब तक 2 बार राशि बदल चुके हैं। ज्योतिष के अनुसार शनि देव ने 30 साल बाद 29 अप्रैल 2022 को कुंभ में प्रवेश किया। इसके बाद 12 जुलाई 2022 को शनि देव वक्री होकर मकर राशि में विराजमान हैं। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार इस समय 5 राशियों में शनि की ढैया और साढ़े साती चल रही है।
बता दें कि इसके साथ ही शनि देव जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहकर कुंभ, मकर और धनु राशि के जातकों को परेशान कर सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार शनि के मकर राशि में गोचर के बाद धनु, कुंभ और मकर राशि में शनि की अर्धशतकीय अवधि चल रही है।
शनि देव इन राशियों को दे सकते हैं कष्ट
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि पर इस समय साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। जिससे इस राशि के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही तुला और मिथुन राशि पर शनि की ढैया चल रही है। ऐसे में इन 5 राशियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। बेवजह के विवादों से बचना होगा। साथ ही आपको अनावश्यक खर्चों से भी दूर रहना होगा। इसके अलावा वाहन चलाते समय पूरा ध्यान रखना होता है। लापरवाही कष्टदायी साबित हो सकती है।
शनि देव देते हैं कर्मों के अनुसार फल
धार्मिक मान्यता है कि शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि की उन राशियों पर विशेष दृष्टि होती है, जहां शनि की महादशा यानि साढ़े साती और ढैय्या चलती है। इस राशि के लोगों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। यदि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो और सही कार्य न करे तो परेशानी बढ़ सकती है। जब शनि की साढ़ेसाती और ढैया चल रही हो तो गरीबों की मदद करनी चाहिए। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए नशा नहीं करना चाहिए और हर शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करने यह उपाय
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभि स्त्रवन्तु न:
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन विशेष माना जाता है। ऐसे में किसी भी शनिवार को शनि मंदिर जाएं और शनि देव की पूजा करें। इसके बाद ऊपर बताए गए किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा हर शनिवार को लगातार करने से लाभ देखा जा सकता है।