Shani Transit In Kumbh: ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि देव जब भी एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो किसी राशि पर साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है तो किसी राशि पर साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव का समाप्त होगा। आपको बता दें कि 17 जनवरी 2023 को शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।  जिससे इन राशियों पर साढ़ेसाती का असर शुरू होने जा रहा है। आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं…

इन राशियों पर शुरू होगा साढ़ेसाती का प्रभाव

वैदिक ज्योतिष मुताबिक 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिसके बाद  मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसलिए इन राशि के जातकों को साढ़ेसाती का समय कष्टकारी साबित हो सकता है। व्यापार में घाटा हो सकता है। बनते- बनते काम बिगड़ सकते हैं। कार्यस्थल पर आपके बॉस और सहयोगियों के साथ मनमुटाव हो सकते हैं। साथ ही इस समय आपको अपनी सेहत का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि साढ़ेसाती के समय में दुर्घटना के योग बनेंगे।

वहीं यहां पर ये देखना जरूरी है कि शनि आपकी जन्मकुंडली में किस राशि और भाव में विद्यमान है। उसके अनुसार ही साढ़ेसाती का फल मिलता है। क्योंकि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हों तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग बनाते हैं।

ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्मफल दाता माना जाता है। मतलब शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। साथ ही शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। वहीं शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। साथ ही शनि देव तुला राशि में उच्च के माने जाते है जबकि मेष इसकी नीच राशि है। शनि देव अगर कुंडली में शुभ स्थित हैं तो व्यक्ति मेहनती, कर्मशील और न्यायप्रिय होता है। वहीं ज्योतिष में शनि ग्रह को कैंसर, पैरालाइसिस, जुक़ाम, अस्थमा, चर्म रोग, फ्रैक्चर आदि बीमारियों का कारक माना जाता है। साथ ही शनि ग्रह का ऑटोमोबाइल बिजनेस, धातु से संबंधित व्यापार, इंजीनियरिंग और लोहे का बिजनेस पर आधिपत्य होता है।