Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि को नवग्रह में से सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहता है। शनि को क्रूर ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देता है। ऐसे में जब शनि की स्थिति में परिवर्तन होता है, तो इसका असर हर राशि के जातकों के जीवन में किसी न किसी तरह से जरूर पड़ता है। ऐसे ही शनि 4 नवंबर को कुंभ राशि में ही सीधी चाल से चलने वाला है। शनि के मार्गी होने से कई राशियों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, तो कई राशियों को संभलकर रहने की जरूरत है। कर्मफल दाता शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इन दो कार्यों को कर सकते हैं। इससे शनि के दुष्प्रभाव कम हो जाएंगे। आइए जानते हैं शिव पुराण के अनुसार, शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए क्या उपाय करें?

कब हो रहे हैं शनि मार्गी 2023?

न्याय के देवता शनि 4 नवंबर को 12 बजकर 31 मिनट को अपनी स्वराशि में मार्गी होने वाले हैं। बता दें कि शनि करीब 140 दिनों तक वक्री अवस्था रहने के बाद 30 जून 2024 को मार्गी अवस्था में रहेंगे। ऐसे में हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ेगा प्रभाव।

शनि का प्रभाव

बता दें कि शनि कुंभ और मकर राशि के स्वामी है। इसके साथ ही तुला लग्न राशि की मित्र शुक्र की राशि में उच्च होने के कारण शनिदेव के पास तीन दृष्टियां हैं। जिसके कारण नौ ग्रहों में सबसे अलग प्रभाव देखने को मिलता है। इस समय शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि से गुजर रहे हैं। इसके साथ ही करीब 30 साल बाद अपनी स्वराशि कुंभ राशि में मौजूद है। ऐसे में कुंभ के साथ मकर और मीन राशि शनि की साढ़े साती से गुजर रहे हैं। इसके साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि में शनि की ढैय्या चल रही है।

शनि के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय

  • शनि के चाल बदलने से हर राशि के जातकों के जीवन में प्रभाव पड़ने वाला है। ऐसे में अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे शनि के दुष्प्रभाव काफी कम तक हो सकते हैं।
  • शनि साढ़े साती, महादशा और ढैय्या के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए पीपल के पेड़ की छाल को घिसकर चंदन बना लें।  इसके बाद भगवान शंकर को स्नान, अभिषेक, पूजन कराने के बाद पीपलेश्वर महाराज का नाम लेकर शिवलिंग में पीपल में घिसी हुए छाल का चंदन लगा दें। पूजन के बाद इस शिवलिंग से थोड़ा सा ये चंदन लेकर अपने माथे में लगा लें। रोजाना ऐसा करने से आपको विशेष लाभ मिलेगा।

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