ग्रहों के आधार पर जुलाई वास्तव में घटनापूर्ण महीना होगा। इसी कड़ी में 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर करेगा। ठीक एक दिन बाद 13 जुलाई को शुक्र मिथुन राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषीय ब्रह्मांड में शनि और शुक्र को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है।

गोचर की समय और अवधि: इस अवधि में पहली घटना 12 जुलाई को शनि का वक्री गोचर होगा। समय की बात करें तो 23 अक्टूबर 2022 को शनि ग्रह इस राशि में गोचर करेगा। इस दौरान सुबह 10:28 बजे शनि अपनी ही मकर राशि में वक्री हो रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो शनि का यह महत्वपूर्ण गोचर कुल 104 दिनों तक चलेगा।

इन राशियों को ढैय्या से मिलेगी मुक्ति: कर्क और वृश्चिक राशि के तहत जन्म लेने वाले व्यक्ति अब शनि देव के मकर राशि में आने के कारण शनि की ढैय्या के प्रकोप के अधीन नहीं होंगे, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह शनि को मिथुन और तुला राशि के तहत मकर राशि में भी लाता है। ढैय्या का दौर शुरू हो जाएगा।

इन राशियों के लिए बनेगा शुभ योग: शनि की ढैय्या हटते ही कर्क और वृश्चिक राशि में जन्म लेने वालों के जीवन में शुभ योग बनेगा। यह वह क्षण है जब आप कार्य में उन्नति, कंपनी की सफलता और अप्रत्याशित वित्तीय पुरस्कारों का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि जिन दो राशियों से शनि की ढैय्या शुरू होगी, उन्हें अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

शनि के गोचर के साथ ही मीन राशि पर साढ़े साती शुरू हो गई है। इसके साथ ही कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू होगा, जिससे इस राशि के लोगों को धन लाभ होने की उम्मीद है। वहीं मकर राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण शुरू हो गया है। वहीं ढैया कर्क और वृश्चिक राशि पर शुरू हो गए हैं।

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय

  • सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं। इस उपाय से धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी।
  • शनि देव को तेल चढ़ाएं। नीले फूल चढ़ाएं। पूजा करते समय सीधे शनि की मूर्ति के दर्शन न करें।
  • पीपल पर जल चढ़ाएं और सात फेरे करें।
  • प्रत्येक शनिवार को स्नान आदि से निवृत्त होकर तेल का दान करें।
  • हनुमानजी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।