Shani Jayanti 2024: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को न्याय प्रदाता और कर्मफल दाता माना गया है। मतलब शनि देव व्यक्ति को कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। वहीं आपको बता दें कि जब भी शनि की चाल में बदलाव होता है, तो कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है तो कुछ राशियों पर से समाप्त होती है। वहीं जिन लोगों पर साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है, उन लोगों को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर आप भी शनि दोष से परेशान हैं तो आप लोग शनि जयंती के दिन ये उपाय कर सकते हैं। जिससे आपको शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं शनि जयंती की तिथि और उपाय…
शनि जंयती तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून 2024 को शाम 7 बजकर 53 मिनट पर होगी, जबकि अमावस्या तिथि का अंत 6 जून को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर होगी। इसलिए शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी।
शनि जयंती पर करें ये उपाय
काले कुत्ते को रोटी खिलाएं
शनि जंयती के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी रोटी या रस्क खिलाएं। ऐसा करने से शनि देव का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा। साथ ही सभी मनोरथ पूर्ण होंगे। वहीं शनि दोष से भी मुक्ति मिलेगी।
पीपल की करें पूजा
शनि जयंती के दिन पीपल पेड़ के नीचे सरसों का तेल वाला पांच दीया जलाएं। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होंगे। साथ ही सभी कष्टों से आपको मुक्ति मिलेगी। साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
इस स्त्रोत का करें पाठ
शनि जयंती पर शनि मंंदिर में जाकर शनि प्रतिमा के सामने शनि चालीसा और शनि रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से आपको ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही सभी कार्यों में आपको सफलता मिलेगी।
करें इन चीजों का दान
शनि जयंती के दिन गरीब या जरूरतमंद को काले तिल, सरसों का तेल, कंबल और कुछ दक्षिणा दान में दें। ऐसा करने से आपको शनि दोष से मुक्ति मिलेगी। साथ ही आपको करियर और कारोबार में सफलता मिलेगी। वहीं शनि देव की पूजा करते समय उनकी आंखों में न देखें बल्कि शनि महाराज के चरणों को ही देखें।