Shani Sade Sati And Dhaiya 2024: ज्योतिष शास्त्र मुताबिक जब भी शनि देव की चाल में बदलाव परिवर्तन होता है तो कुछ लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है, तो कुछ लोगों को साढ़ेसाती- ढैय्या से मुक्ति मिलती है। आपको बता दें कि 8 मार्च को शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में उदित हुए हैं। जिससे शनि देव अपना पूर्ण प्रभाव छोड़ेंगे ऐसे में कुछ राशियों पर शनि देव की साढे़साती और ढैय्या का कष्टकारी चरण शुरू हुआ है। जिससे इन राशियों के लोगों को सेहत और धन के मामले में थोड़ा सावधान रहना चाहिए। आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं…
इन राशियों पर ढैय्या का कष्टकारी चरण
पंचांग के अनुसार शनि देव कुंभ में उदित हुए हैं, जिससे कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों पर कष्टकारी समय शुरू हो गया है। क्योंकि शनि ग्रह कर्क राशि वालों की गोचर कुंडली में 8वें और वृश्चिक राशि के जातकों की गोचर कुंडली में चतुर्थ भाव में संचरण कर रहे हैं। जिससे इस दौरान आपको स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी हो सकती है। वहीं इस समय आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। वहीं इस दौरान आपकी माता जी की सेहत खराब हो सकती है। साथ ही उनके साथ कुछ संबंध खराब हो सकते हैं। साथ ही कोई आप लोगों को पैरों और घुटनों से संबंधित परेशानी हो सकती है।
इन राशियों पर साढ़ेसाती का कष्टमय समय
आयु प्रदाता शनि देव के कुंभ राशि में उदित होते ही मीन राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का कष्टकारी प्रभाव शुरू हो गया है। वहीं साल 2024 से मीन राशि के लोगों पर साढे़साती का पहला चरण शुरू हुआ है। इसलिए इस समय आप कोई गतल डिसीजन ले सकते हैं। साथ ही सेहत को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं इस दौरान कुछ फिजूल खर्चे हो सकते हैं। साथ ही इस दौरान आप धन की सेविंग नहीं कर पाएंगे। इस समय आपको नया काम शुरू करने से बचना चाहिए। अन्यथा नुकसान हो सकता है। वहीं ही कुंभ राशि पर दूसरा चरण और मकर राशि पर तीसरा चरण शुरू हो गया है। इसलिए आप लोगों को भी थोड़ा संभलकर चलने की जरूरत है।
करें ये उपाय
1- शनिवार को शनि मंंदिर में जाकर शनि प्रतिमा के सामने शनि चालीसा और शनि रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
2- रोज शनि देव के तांत्रिक मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।
3- प्रतिदिन भोलेनाथ की आराधना करें। साथ ही हर सोमवार भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें। शिव आराधना से भी आपके कष्ट दूर होंगे।
4- शनिवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को काले तिल, सरसों का तेल, कंबल और कुछ दक्षिणा दान करें।