Shani Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि के कारक माने जाते हैं। साथ ही शनि देव मकर और कुंभ राशि पर आधिपत्य है। वहीं तुला राशि शनि की उच्च राशि है जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है। आपको बता दें कि शनि देव अभी मीन राशि में संचरण कर रहे हैं और साल 2027 तक वह यही संचरण करेंगे। ऐसे में इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव रहेगा। जिससे इन राशियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। साथ ही इन राशियों को धनहानि और सेहत खराब के योग बन रहे हैं। वहीं धन फंस सकता है। साथ ही व्यापार धीमा चल सकता है। आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं…
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इन राशियों पर रहेगा साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र मुताबिक मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का कष्टमय प्रभाव रहेगा। वहीं मीन राशि पर दूसरे चरण की, और कुंभ राशि पर तीसरे एवं अंतिम चरण की साढ़ेसाती का असर रहेगा। ऐसे में इन राशियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। साथ ही इन राशियों को मानसिक परेशानियां हो सकती है। वहीं इस व्यापारियों की आय धीमी होगी। साथ ही इस समय आपको नौकरीपेशा लोगों को नौकरी नहीं बदलनी चाहिए।
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इन राशियों पर रहेगा ढैय्या का कष्टमय प्रभाव
शनि देव के मीन राशि में संचरण करते हुए धनु और सिंह राशि पर ढैय्या का कष्टमय प्रभाव रहेगा। मतलब इन राशियों पर साल 2027 तक शनि की ढैय्या रहेगी। इसलिए इन लोगों की सेहत खराब हो सकती है। साथ ही कोई पुराना रोग उभर सकता है। वहीं इस समय किसी बात को लेकर मानसिक तनाव रह सकता है। वहीं आपको धन कहीं फंस सकता है।
करें ये उपाय
1- शनिवार के दिन शनि प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें।
2- पीपल में नियमित रूप से हर शनिवार दूध और जल मिलाकर चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि देव की कृपा आपको प्राप्त होगी।
3- शनिवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल, सरसों का तेल और काली दाल का दान करना चाहिए।
4- शनि के बीज मंत्र ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न:।’ का प्रतिदिन जाप करना चाहिए।