Shani Gochar 2025: न्यायाधीश शनि को सबसे ज्यादा शक्तिशाली ग्रहों में से एक माना जाता है, जो एक निश्चित अवधि के बाद अपनी स्थिति में बदलाव करते हैं। बता दें कि 28 नवंबर को शनि मार्गी अवस्था में गोचर कर चुके हैं। इसके साथ ही वह सामान्य स्थिति से हर राशि के जातकों को फल देना शुरू कर दिया है। ऐसे में हर राशि के जातकों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य देखने को मिल रहा है। लेकिन आने वाली 5 तारीख को शनि एक बार अपनी स्थिति में बदलाव करने वाले हैं। दरअसल शनि के मार्गी होने से जातकों को साढ़े साती, ढैया से लेकर महादशा और अंतर्दशा का सामना करना पड़ रहा है। शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष रहते हैं। ऐसे में शनि कठोर से कठोर कष्ट देते हैं। लेकिन आने वाली 5 दिसंबर को शनि अगले 76 दिनों के लिए बड़ी राहत दे सकते हैं। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में प्रभाव देखने को मिलने वाला है। लेकिन इन तीन राशि के जातकों को सबसे अधिक लाभ मिल सकता है। ये विश्लेषण चंद्र राशि के आधार पर किया जा रहा है। जानें इन भाग्यशाली राशियों के बारे में…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के अंश बल की गणना 0° से 30° तक की जाती है। किसी ग्रह का 0° पर होना उसकी मृत अवस्था मानी जाती है, जिसमें वह किसी भी प्रकार का फल देने में सक्षम नहीं रहता। इसी तरह 0° से 6° तक ग्रह को बाल्यावस्था में माना जाता है, और इस अवधि में भी वह प्रभावहीन रहता है। यही स्थिति अब शनि के साथ बनने जा रही है। 5 दिसंबर को शनि का अंश बल 0° पर होगा और 20 फरवरी तक यह बढ़ते-बढ़ते 6° तक पहुंच जाएगा। इस पूरे समय में शनि बाल्यावस्था में रहेंगे और फल देने में असमर्थ होंगे, जिसके कारण शनि जन्य कष्टों से राहत मिलने की संभावना है। हालांकि, इन 76 दिनों के दौरान ऐसा कोई कार्य न करें जो शनिदेव को अप्रिय लगे, क्योंकि फरवरी के बाद जब शनि फल देने की स्थिति में आएंगे, तब वे आपके कर्मों के अनुरूप ही परिणाम प्रदान करेंगे। बता दें कि शनि अत्यंत धीमी गति से फल देते हैंऔर कष्ट भी धीरे-धीरे देते हैं। ऐसे में राहत भी धीरे-धीरे मिलेगी। इसलिए तुरंत फल नहीं मिलेगा।
मीन राशि (Pisces Zodiac)
इस राशि की कुंडली में शनि लग्न भाव विराजमान है। इस राशि में शनि 11वें और 12वें भाव के स्वामी है। इसके साथ ही इस राशि में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि के मार्गी होते ही उन्हें चेष्टा बल की प्राप्ति हुई थी। लग्न भाव में रहकर शनि की तीसरी दृष्टि तीसरे भाव पर, सातवीं दृष्टि सातवें भाव पर और दसवीं दृष्टि दसवें भाव पर पड़ती है। शनि का दूसरा चरण सामान्यतः अधिक कष्टकारी माना जाता है। लेकिन शनि का अंश बल कम होने से इस राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। आपके कार्यों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। बेकार के खर्चों से निजात मिल सकती है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में भी सफलता हासिल हो सकती है।
शनि के द्वारा दिए जा रहे कष्टों से थोड़ी राहत मिल सकती है। प्रॉपर्टी या फिर मुकदमों को लेकर आपको राहत मिल सकती है। विवाह के इच्छुक जातकों को अच्छे रिश्ते आ सकते हैं और एक नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं। दांपत्य जीवन में चली आ रही समस्याएं भी समाप्त हो सकती है। खुद के व्यापार या फिर पार्टनरशिप में किए जा रहे व्यापार में अच्छा खासा सुधार हो सकता है। आपको काफी मुनाफा मिल सकता है।
तुला राशि (Libra Zodiac)
इस राशि की गोचर कुंडली में शनि चौथे और पंचम भाव के स्वामी होकर छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। शनि की उच्च राशि होने के कारण ये प्रबल योगकारक है। छठा भाव नौकरी, पंचम भाव शिक्षा का माना जाता है। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी को विशेष लाभ मिल सकता है। परीक्षा में अच्छा परिणाम आने के साथ-साथ इंटरव्यू कॉल आ सकती है। जिन लोगों का इंटरव्यू हो चुका है, तो उन्हें नियुक्ति पत्र मिल सकता है। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में आ रही बाधाएं समाप्त हो सकती है। शनि की दृष्टि 12वें भाव पर पड़ रही है। ऐसे में स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। लंबे समय से चली आ रही बीमारी अब धीरे-धीरे सही हो सकती है। विदेश से संबंधित कार्यो में भी लाभ मिल सकता है।
शनि के कारण आपको नौकरी में जो तनाव, नकारात्मक वातावरण, मेहनत का फल न मिलना आदि समस्याएं चल रही थी, तो इससे धीरे-धीरे छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में आपको आपकी मेहनत का उचित फल से लेकर प्रमोशन, वेतन वृद्धि के साथ नई नौकरी मिल सकती है। आप कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं। शनि की दशम दृष्टि धन भाव पर है। ऐसे में आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली हैष शनि के छठे भाव में होने से गुप्त शत्रु और विरोधियों से निजात मिल सकती है। शनि की तीसरी दृष्टि आठवें भाव पर, सातवीं दृष्टि 12वें भाव पर और दसवीं दृष्टि धन भाव पर पड़ती है। ऐसे में इस राशि के जातकों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलने के साथ खूब धन लाभ हो सकता है। वाहन, प्रॉपर्टी के खरीदने या फिर बेचने में सफल हो सकते हैं।
कुंभ राशि (Aquarius Zodiac)
इस राशि के दूसरे भाव में शनि विराजमान है। इस भाव को धन, परिवार, वाणी और पैतृक संपत्ति का कारक माना जाता है। ऐसे में शनि के अंश बल कम होने से इस राशि के जातकों को कई क्षेत्रों में लाभ मिल सकता है। बेकार के खर्चों से निजात मिल सकती है और स्वास्थ्य अच्छा रह सकता है। पैसों की तंगी से भी निजात मिल सकती है। परिवार के साथ चला आ रहा मतभेद समाप्त हो सकता है और सुख-समृद्धि, सुख-शांति की प्राप्ति हो सकती है। आपकी वाणी काफी प्रभावशाली होंगी, जिससे आप अपनी बात कह पाने में सफल होंगे और समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
शनि की दृष्टि चौथे, आठवें और 11वें भाव पर पड़ेगी। ऐसे में इस राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। भौतिक सुखों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। राजनीति में जुड़े जातकों को जनता का पूरा साथ मिल सकता है। मान-प्रतिष्ठा में तेजी से वृद्धि हो सकती है। मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिल सकती है। शनि की दशम दृष्टि 11वें भाव पर पड़ने से आय के स्रोत बढ़ेंगे। रुका हुआ धन मिलने के साथ भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा।
नए साल में मिथुन, कर्क के साथ सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में वह साल के आरंभ में ही चंद्रमा के साथ युति करके गजकेसरी राजयोग का निर्माण करेंगे। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलने वाला है। लेकिन इन तीन राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
