Sawan 2022 Upay: 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है। सावन का महीना शिव को समर्पित माना जाता है। वहीं सावन के शनिवार का भी बहुत महत्व है। इस दिन सच्चे मन और व्रत से भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन का दूसरा शनिवार 23 जुलाई को पड़ रहा है। शनि दोष से पीड़ित राशियों के लिए सावन का दूसरा शनिवार बेहद खास रहने वाला है।

शास्त्रों के अनुसार सावन के शनिवार को शनिदेव की पूजा और शिव की आराधना करने से शनि दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है। शनिदेव को भगवान शिव का परम भक्त और शिष्य माना जाता है। ऐसे में सावन के महीने में शिव की पूजा और उपाय करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपना शुभ फल देते हैं।

सावन में क्यों खास है शनिवार?

जानकारों का मानना ​​है कि शनि के सभी उपायों में सावन शनिवार का उपाय बेहद सटीक है, इसका कारण यह है कि सावन भगवान शंकर का महीना है और भगवान शंकर शनि के गुरु हैं। ऐसे में शनिवार के दिन भगवान शिव की पूजा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। वर्तमान में 5 राशियों पर शनि देव की सीधी दृष्टि है। क्या हैं ये राशियां, आइए जानते हैं- धनु राशि (Sagittarius), मकर राशि (Capricorn), मिथुन राशि (Gemini), तुला राशि (Libra), कुंभ राशि (Aquarius)

साढ़े साती और ढैय्या (Sade Sati and Dhaiya)

वर्तमान में शनि की दृष्टि इन 5 राशियों पर बनी हुई है। इसमें से धनु, मकर और कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है और मिथुन, तुला राशि में शनि की ढैया चल रही है। 23 जुलाई 2022 इन लोगों के लिए खास दिन है। इस दिन शनि देव अपनी ही राशि मकर में गोचर कर रहे हैं।

इस समय शनि वक्री है; ऐसा माना जाता है कि इन दशाओं में शनि शुभ फल नहीं देते हैं। साढ़े साती और ढैय्या के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर ये राशियां भी जीवन में बाधाओं और परेशानियों का सामना कर रही हैं तो सावन का दूसरा शनिवार आपके लिए शुभ फल लेकर आ सकता है।

शनि के उपाय (Shani Ke Upay)

शनि देव को कर्म दाता कहा जाता है। वे कलियुग के दंडाधिकारी हैं। शनि की दृष्टि से मनुष्य ही नहीं देवता भी बच जाते हैं। यह वरदान शनि देव को भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर दिया था। सावन शनि के दिन क्या करें ताकि शनि की क्रूर दृष्टि से बचा जा सके, आइए जानते हैं-

शनिवार के दिन शनि चलीसा (Shani Chalisa) का पाठ करें

  • शनि मंत्र का एक माला जाप करें।
  • शनि मंत्र (Shani Mantra)- ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
  • शनि से संबंधित चीजों का दान करें, सरसों का तेल, काले तिल, काली छतरी आदि का दान करें।
  • शनि मंदिर में शनि को तेल चढ़ाएं।