ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु , शुक्र , शनि, राहू और केतू, इन सबका हम सभी पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। शनि की मुख्य राशियां कुंभ और मकर मानी जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि ग्रहों के चाल का मनुष्य जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। शनि देव के बारे में माना जाता है कि सूर्य पुत्र शनि बेहद न्याय प्रिय हैं। उन्हें सत्य से बेहद लगाव है।

जानकारों के मुताबिक देवों में इन्हें न्यायाधीश के रूप में माना गया है। हालांकि ग्रहों में इनकी अशुभ दृष्टि को क्रूर माना जाता है। जबकि शनि इतने बुरे भी नहीं हैं, वो बस प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए मनुष्यों को उनके कर्मों का आईना दिखाते हैं। आइए आज हम आपको शनि ग्रह के बारे में बताते हैं, क्योंकि ग्रहों में इसकी स्थिति आपके जीवन में काफी उथल-पुथल कर सकती है। इसीलिए अपने जीवन के बिगड़े हालातों से निपटने के लिए आपको कुछ शनि के उपाय करने होंगे। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ उपाय-

सरसों का तेल: शनि देव की पूजा आराधना में सरसों का तेल बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। जानकारों के मुताबिक शानिवार को सरसों का दान करना शुभ माना जाता है। इसी वजह से बड़े बुजुर्गों द्वारा मना किया जाता है कि शनिवार को तेल नहीं खरीदना चाहिए। जबकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दशा होने पर लोहे के बर्तन में सरसों का तेल और उसमें एक सिक्का डालकर दान करना काफी शुभ कहा जाता है।

पीपल के समक्ष दीप दान: कहा जाता है कि शनिवार की सुबह पीपल के पेड़ के नीचे पूजन के पश्चात सरसों के तेल का दीपक जलाना काफी शुभ माना गया है। जबकि यह पीपल के समक्ष दीपक जलाने से शनि देव की कृपा मिलती है।

हनुमान जी का पूजन: धर्मशास्त्र के अनुसार यह मान्यता है कि जो भी बजरंगबली का उपासक या भक्त होता है, उसे शनि देव किसी वचन बध्य होने के कारण ज्यादा क्षति नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि हनुमानजी की आराधना भी शनि ग्रह की बिगड़ी हुई दशा की वजह से हो रहे प्रकोप से बचाए रखती हैं।

काली उड़द एवं काले तिल का दान: शनिवार के दिन शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए काला तिल और काली उरद की दाल (काली) दान करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से धन या कार्य संबंधित परेशानी से राहत मिलती है।