Shree Shani Dev Aarti Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनि देवता को समर्पित माना जाता है। इस दिन शनि महाराज की पूजा और आरती विशेष फलदायी मानी जाती है। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे सूर्य देव और छाया माता के पुत्र हैं। शनि देव सभी कर्मों का फल देने वाले देवता हैं। वे व्यक्ति के अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति शनि देव को प्रसन्न कर लेता है, उसके जीवन की सारी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। लेकिन यदि शनि देव नाराज हो जाएं, तो जीवन में दुख, कर्ज, विवाद, नौकरी में समस्याएं आने लगती हैं। इसलिए शनिवार को विधिपूर्वक शनि आराधना और आरती करना बहुत लाभकारी माना जाता है। खासतौर पर अगर किसी की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, तो शनि देव की आरती करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
शनि आरती का सही समय
शनिवार को सूर्योदय के बाद या संध्या के समय शनि मंदिर जाकर या घर पर ही शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर आरती करनी चाहिए। शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और नीले फूल अर्पित करें। साथ ही, ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें।
शनि आरती का महत्व और लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव की आरती करने से शनि की अशुभ दृष्टि दूर होती है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव की आरती करने से जीवन में आ रही परेशानियों, बाधाओं और रोगों से राहत मिलती है। साथ ही, पारिवारिक जीवन में शांति आती है और घर का वातावरण सकारात्मक होता है। इसके अलावा नौकरी, व्यापार और धन संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं।
Shani Dev Ki Aarti Lyrics in Hindi (शनि देव की आरती लिरिक्स इन हिंदी)
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
जय जय श्री शनि देव….
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