Shani Dev: ज्योतिष में शनि देव को न्यायधीश बताया गया है। मतलब शनि देव मनुष्य के कर्मों के हिसाब से उसे फल देते हैं। वहीं अगर जन्मकुंडली में शनि देव अशुभ स्थिति में विराजमान हों तो मनुष्य को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार शनि देव अपनी दशा, अंर्तदशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान सबसे अधिक कष्ट प्रदान करते हैं। लेकिन ज्योतिष में हर नक्षत्र पर किसी न किसी ग्रह का आधिपत्य बताया गया है। ऐसे ही उत्तराभाद्रपद के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं। 

आपको बता दें कि बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाई जा रही है और इस दिन मां सरस्वती के साथ- साथ शनि देव की पूजा का भी संयोग बना हुआ है। क्योंकि इसी दिन उत्तराभाद्रपद के साथ- साथ सिद्ध योग भी है, जिसमें पूजा और उपाय करने का फल कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं एस्ट्रोलॉजर आदित्य गौड़ से, इस विशेष संयोग के बारे में…

5 फरवरी को बन रहा है खास संयोग:

शनि देव की पूजा के लिए 5 फरवरी 2022, शनिवार को उत्तम संयोग बना हुआ है। पंचांग के अनुसार इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं बसंत पंचमी का पावन पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। इस दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। जिसके स्वामी शनिदेव हैं। साथ ही शनिवार को सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। जिस कारण पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम संयोग बना है।

मकर राशि में बन रहीं 3 ग्रहों की युति:

वैदिक ज्योतिष के अनुसार 5 फरवरी को मकर राशि में विशेष स्थिति बनी हुई है।  मकर राशि पर शनिदेव का आधिपत्य है। इस दिन ये मकर राशि में विराजमान रहेंगे। शनि के साथ सूर्य और बुध भी युति बना रहे हैं। 4 फरवरी को बुध मार्गी हो चुके हैं। सूर्य और बुध की युति से अत्यंत शुभ योग बनता है जिसे बुधादित्य योग कहा जाता है। इस समय जो बच्चे पैदा होंगे उनकी कुंडली में बुधादित्य योग का निर्माण होगा। जिससे उन्हें समाज में यश,मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी, क्योंकि शनि वर्तमान समय में अस्त अवस्था में हैं। इसलिए शनि देव का प्रभाव न के समान होगा। (यह भी पढ़ें): बड़े खुशनसीब माने जाते हैं इन 4 राशि वाले लोग, कम उम्र में ही दौलत- शौहरत कर लेते हैं हासिल

शनि के उपाय करने से मिलेगी इन राशि वालों को राहत:

1- धनु राशि (Sagittarius)- शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रही है

 2-मकर राशि (Capricorn)- शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।

3-कुंभ राशि (Aquarius)-शनि की साढ़ेसाती पहला चरण चल रहा है।

4-मिथुन राशि (Gemini)- शनि की ढैय्या चल रही है।

5-तुला राशि (Libra)- शनि की ढैय्या चल रही है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें उपाय: 

पीपल के पेड़ की पूजा: 

सूर्योदय से पहले पीपल की पेड़ की पूजा करने से शनि देव की कृपा बरसने लगती है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाना चाहिए। पीपल के पेड़ के चारों तरफ कच्चा सूत 7 बार लपेटने से और ऐसा करते हुए शनि मंत्र का जाप करने से शनि देव कृपा बनाते हैं। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं।

ऐसा करने से बनने लगेंगे काम: 

रविवार को छोड़कर लगातार 43 दिनों तक शनिदेव की मूर्ति पर सरसों का तेल अर्पित करने से रुके हुए काम बनने लगते हैं।

शनि दोष से मुक्ति पाने का उपाय:

 शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या चल रही है तो शनि मंदिर में काले चमड़े के जूते या चप्पल पहन कर जाएं और घर नंगे पांव लौटे ऐसा करने से शनि दोषों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

सरसों या तिल के तेल का करें दान:

 एक कांसे की कटोरी में तिल या सरसों का तेल भर कर उसमें अपना चेहरा देख कर उस कटोरी को तेल सहित डाकोत को दान करें। ऐसा करने से शनि ग्रह मजबूत होता है। साथ ही काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, कुछ लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर डाकोत यानि शनि का दान लेने वाले को दान कर दें। ऐसा करने से शनि देव की कृपा बरसने लगती है। (यह भी पढ़ें): मकर राशि में बन रहा त्रिग्रही योग, शनी और बुध देव के प्रभाव से इन 5 राशि वालों को धनलाभ के साथ तरक्की के भी प्रबल योग