ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे जरूरी ग्रहों में से एक माना जाता है, क्योंकि यह सबसे धीमी गति से चलता है। ये राशि में करीब ढाई साल तक रहता है। ऐसे में शनि का प्रभाव हर व्यक्ति पर अधिक समय तक रहता है। शनि व्यक्ति को कर्मों के हिसाब से फल देता है। ऐसे में कुंडली में शनि साढ़े साती और ढैया, शनि दोष या फिर शनि महादशा का सामना करना पड़ता है। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की स्थिति खराब होती है, तो उसे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, परिवारिक आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि कमजोर होने पर चुनौतियां और अवसर दोनों ही पैदा होती है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि शनि की कमजोर स्थिति में भी आप कैसे खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
राशि चक्र का कर्म गुरु है शनि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि को राशि चक्र का कर्म प्रधान माना जाता है। इसी के कारण जीवन में आने वाले बदलाव का केंद्र इसे माना जाता है। यह पिछले जन्म में किए गए कर्मों के हिसाब से फल देता है। इसकी स्थिति कमजोर होने पर ही व्यक्ति धैर्य, लचीलापन, मजबूती और चुनौतियों से लड़ते हुए अपनी क्षमता के बारे में जान पाता है।
करियर और बिजनेस में पड़ता है बुरा असर
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है, तो उसे नौकरी और व्यापार में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार अधिक प्रयत्न करने के बाद भी असफलता नहीं हासिल होती है या फिर हर काम में रुकावट पैदा होती है। वहीं, दूसरी ओर नौकरीपेशा लोगों की जॉब स्थिर नहीं रहती है। कार्यस्थल में कोई न कोई परेशानी बनी ही रहती है। इसके साथ ही सहयोगियों से बिना बात वाद-विवाद बना रहता है। इसके साथ ही उच्च अधिकारी भी आपसे खुश नहीं रहते हैं।
आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ना
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है, तो उसे आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पैसे कमाने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है। वहीं, निवेश करना भी हानि का सौदा साबित हो जाता है। लगातार कर्ज के बोझ से दबे रहते हैं।
रिश्तों में अनबन
कमजोर शनि व्यक्तिगत संबंधों पर भी बुरा असर डालता है। आपसी रिश्तों में खटास उत्पन्न होने के साथ विश्वास हट जाता है। परिवार में किसी न किसी सदस्य से लड़ाई-झगड़ा बना रहता है। छोटी से छोटी बात ररक गलतफहमियां उत्पन्न होती है।
स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ना
कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही वास संबंधी समस्याएं अधिक रहती है। पुरानी बीमारियों फिर से उत्पन्न हो जाती है। मानसिक रूप से भी परेशान रहते हैं।
शनि की स्थिति मजबूत करने के उपाय
- अगर कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है, तो नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। इसके अलावा नीलम का उपरत्न जमुनिया नीली, लाजवर्त या फिर काला हकीक धारण कर सकते हैं।
- शनि की कृपा दृष्टि पाने के लिए धतूरे की जड़ को गले या फिर बाजू में बांध सकते हैं।
- घोड़े की नाल या फिर नाव की कील से बना छल्ला पहनने से भी शनि को मजबूत किया जा सकता है।
- शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करने के साथ सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- सात मुखी रुद्राक्ष करना भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इससे शनिदेव के साथ शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- शनिवार और मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करने के साथ चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से भी कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है।
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