शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इसे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई वर्ष का समय लगता है। शनि 17 जनवरी को यह कुंभ राशि में प्रवेश कर चुका है, जहां यह 29 जनवरी, 2025 तक लगभग ढाई वर्ष तक विराजमान रहेगा। कुंभ राशि में प्रवेश करने के साथ-साथ कर्क और वृश्चिक राशि के कार्यों पर भी शनि की नजर रहेगी। इस राशि के जातकों के लिए यह अवधि कर्मफल के समान रहेगी। व्यापार, नौकरी, प्रेम, संतान, शिक्षा और स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए क्या करें-
साल 2023 में इन राशियों पर होगी शनि की साढ़े साती और ढैय्या
शनि के राशि परिवर्तन से धनु को साढ़ेसाती (2023) से मुक्ति मिल चुकी है और मिथुन व तुला राशि वालों को ढैय्या से मुक्ति मिल चुकी है। मकर राशि अंतिम चरण, कुंभ राशि द्वितीय चरण और मीन राशि में साढ़े साती का पूर्वार्ध होगा। इसके साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या की शुरुआत होगी। ज्योतिषियों के अनुसार शनि का राशि परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करेगा।
इन लोगों को शनिदेव देते हैं कठोर दंड
- दूसरों से द्वेष और चोरी करना
- दूसरों के प्रति छल, कपट की भावना
- शराब, जुआ आदि बुरी लतों के शिकार
- माता-पिता, गुरु और बड़ों का अनादर करना
- किसी और का अधिकार या हिस्सा छीन लेना
- बीमार और असहाय लोगों की सहायता न करना
- कुत्तों को मारने और सताने वालों को भी देते हैं कठोर दंड
- सफाई कर्मचारी, नौकर या अपने से नीचे के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार
- जो लोग व्यभिचारी और महिलाओं के प्रति गलत सोच रखने वाले
- देवी और देवताओं का अपमान करने वालों को देते हैं कठोर दंड
जानिए शनि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शनि लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल देते हैं, अगर वे क्रोधित हो जाते हैं तो उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा की जाती है। इससे शनिदेव अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं। इसलिए हर कोई उन्हें खुश करने की कोशिश करता है।
यह उपाय शनिवार के दिन करें
- जीवन में उन्नति के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की कच्चे सूत के साथ सात बार परिक्रमा करें। प्रदक्षिणा करते समय शनिदेव का ध्यान करते रहना चाहिए। ऐसा करने से आपकी तरक्की होगी।
- शनिवार के दिन काला कोयला लेकर बहते पानी में प्रवाहित करें, नौकरी में सफलता मिलेगी। साथ ही शनिदेव का ध्यान करें। नौकरी में सफलता मिलेगी और आय में वृद्धि होगी। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के पास काला तिल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद पीपल की जड़ में जल भी चढ़ाना चाहिए।
- कोर्ट-कचहरी की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए 11 पीपल के पत्ते शनिवार के दिन लेकर उनकी माला बनाएं और नजदीकी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को अर्पित करें। साथ ही पुष्प अर्पित करते हुए “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे कोर्ट कचहरी की सारी मुश्किलें दूर होंगी
- शनिवार के दिन एक काला कोयला लेकर बहते जल में प्रवाहित करें। साथ ही “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। नौकरी में सफलता मिलेगी और आय में वृद्धि होगी। शनिवार के दिन पानी में थोड़ी चीनी मिलाएं। इस जल को पीपल के पेड़ की जड़ में अर्पित करना चाहिए।
शनि ग्रह के कुछ अन्य उपाय
ध्यान रहे कि सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है। इसलिए ज्योतिषियों ने सलाह दी है कि शनि की पूजा और शनि के उपाय सूर्यास्त के बाद ही करने चाहिए, क्योंकि शनि का समय सूर्यास्त के बाद ही शुरू होता है। शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। इसके बाद शनिदेव का ध्यान करते हुए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। संभव हो तो शनि देव “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
एक कटोरी सरसों का तेल लें। इस तेल में अपना चेहरा देखें। फिर इस तेल को किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। आप चाहें तो इस तेल का दीपक जलाकर शनिदेव के मंदिर में रख सकते हैं। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ भी होगा।