Shani Amavasya 2025 Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास कृष्ण पक्ष में अमावस्या तिथि आती है। ऐसे ही भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि भादो अमावस्या,पिठोरी अमावस्या कहा जाता है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। इस दिन स्नान दान के साथ-साथ शनिदेव की पूदा करने का विशेष महत्व है। अगर आपकी कुंडली में शनि साढ़े साती, ढैया, शनि महादशा या फिर शनि दोष है, तो इस दिन शनिदेव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कुछ खास उपाय अपना सकते हैं। बता दें कि इस साल पिठोरी अमावस्या 23 अगस्त , शनिवार को है। आइए जानते हैं अमावस्या के दिन कौन से उपाय करके शनि साढ़े साती से लेकर शनि दोष से कैसे मुक्ति पा सकते हैं?…
कब है शनि अमावस्या? (Shani Amavasya 2025 Date)
अमावस्या तिथि आरंभ: 22 अगस्त 2025 को सुबह 11:56 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त: 23 अगस्त 2025 को सुबह 11:36 बजे
उदया तिथि के हिसाब से शनिश्चरी अमावस्या 23 अगस्त 2025 को की जाएगी।
शनि अमावस्या पर करें ये उपाय (Shani Amavasya 2025 Upay)
शनि अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप
शनि अमावस्या के दिन भगवान शनि की विधिवत पूजा करें। इसके साथ ही 108 बार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है। ऐसा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। इसके साथ ही मानसिक तनाव से मुक्ति मिलने के साथ आत्मविश्वास, धैर्य में वृद्धि होती है।
शनि अमावस्या पर रखें व्रत
इस साल शनिवार के दिन अमावस्या पड़ रही है। ऐसे में शनिदेव की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत रखना लाभकारी हो सकता है। इस दिन फलाहारी व्रत रख सकते हैं। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कुंडली से शनि दोष दूर होता है।
काले तिल का अर्पण
काले तिल शनि देव से संबंधित है। इसलिए शनि अमावस्या के दिन काले तिल लेकर शनि मंदिर में जाकर चढ़ाएं या घर पर ही शनि यंत्र पर चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सरसों के तेल में काले तिल डालकर शनिदेव को चढ़ाना लाभकारी हो सकता है।
करें दान-पुण्य करें
पिठोरी अमावस्या के दिन स्नान के साथ-साथ दान करना काफी लाभकारी होता है। इस दिन शनि देव से संबंधित वस्तुएं काला वस्त्र , कंबल, काली उड़द की दाल, काले तिल, लोहे के बर्तन, सरसों का तेल आदि का दान करना लाभकारी हो सकता है। इन्हें जरूरतमंद या गरीब को देने से आपको शनि ग्रह की पीड़ा से लाभ मिल सकता है।
पीपल के पेड़ की पूजा करें
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल का पेड़ अत्यंत पवित्र माना गया है। शनि अमावस्या या शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष का प्रभाव कम हो जाता है। ऐसे में पिठोरी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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