Why We Add One Rupees In Shagun Lifafa: शादी-ब्याह या किसी भी शुभ मौके पर शगुन का लिफाफा देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह लिफाफा शादी या फिर उस शुभ कार्य की शुभकामना और आशीर्वाद के तौर पर दिया जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि इस लिफाफे में हमेशा 1 रुपये का सिक्का होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस शगुन के लिफाफे में सिर्फ 1 रुपये का सिक्का ही क्यों दिया जाता है। इसकी बजाय 10 या 100 रुपये का नोट क्यों नहीं होता? बता दें कि इस लिफाफे में हमेशा 11, 21, 51, 101, 251, 1001 आदि ही दिए जाते हैं। ऐसे में आपके इस सवाल का जवाब आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में देंगे। आइए जानते हैं शगुन के लिफाफे में 1 रुपए का सिक्का क्यों होता है।

शगुन के लिफाफे में क्यों होता है 1 रुपये का सिक्का?

शगुन के लिफाफे में चाहे 11 रुपये हों, 21, 51 या फिर 101 रुपये, उसमें 1 रुपये का सिक्का जरूर डाला जाता है। क्योंकि माना जाता है कि उस लिफाफे में पैसे चाहें कितने भी हों लेकिन जब उसमें 1 रुपये का सिक्का जुड़ता है तभी वह शगुन बनता है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि 1 संख्या को अविभाज्य माना जाता है। यानी इस संख्या का विभाजन नहीं किया जा सकता है। इसलिए शगुन में 1 का सिक्का दिया जाता है। जब शगुन में 1 रुपये का सिक्का दिया जाता है, तो यह संकेत होता है कि रिश्ता हमेशा मजबूत और अटूट बना रहे।

क्या है इसका धार्मिक मान्यता

धार्मिक रूप से भी 1 रुपये का सिक्का बहुत खास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस सिक्के के साथ देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद भी जुड़ा होता है। जब शगुन में 1 रुपये का सिक्का देते हैं, तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली मिले। एक अन्य मान्यता के अनुसार, मां लक्ष्मी को धातु से भी जोड़ा जाता है और जो शगुन के लिफाफे पर 1 रुपये का सिक्का होता है वह मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में जब भी हम किसी को शगुन का लिफाफा देते हैं तो उसके साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद जुड़ा होता है।

लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दुख की घड़ी में या बुरे में कभी भी 1 रुपये का सिक्का नहीं देना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। यह सिक्का सिर्फ शुभ अवसरों के लिए होता है, इसलिए इसे सिर्फ खुशी और शुभकामनाओं के साथ ही जोड़ा जाता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।