Scorpio Horoscope July To December 2025: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए ये साल काफी खास रहने वाला है। जुलाई से लेकर दिसंबर तक इस राशि के जातकों के जीवन में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस साल की शुरुआत में इस राशि में शनि की ढैया चल रही थी। इसके बाद 29 मार्च को शनि के मीन राशि में जाने से इस राशि के जातकों को शनि की ढैया से मुक्ति मिल गई है। ऐसे में इस राशि के जातकों के जीवन में चली रही कई परेशानियां समाप्त हुई थी। शनि की ढैया के कारण बीते ढाई साल आपको आर्थिक, शारीरिक, मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। दांपत्य जीवन में परेशानियां आने से लेकर संतान को लेकर कई समस्याएं उत्पन्न हुई होगी। करियर और व्यापार में भी बुरा असर पड़ा होगा। आइए जानते हैं वृश्चिक राशि के जातकों के लिए जुलाई से लेकर दिसंबर तक का समय कैसे बीतेगा…
वृश्चिक राशि के जातकों की गोचर कुंडली की बात करें, तो वर्तमान में राहु चौथे भाव में, शनि पंचम भाव में, देवगुरु आठवें भाव, केतु दशम भाव में विराजमान रहेंगे। ये चारों ग्रह इस साल इसी भाव में रहने वाले हैं। इसके अलावा अन्य ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते रहेंगे, जिससे उनका परिणाम शुभ-अशुभ देखने को मिल सकता है। बता कें कि देवताओं के गुरु बृहस्पति 13 महीनों तक मिथुन राशि में रहेंगे, हालांकि थोड़े समय के लिए यानी एक माह के लिए कर्क राशि में जाएंगे। लेकिन फिर वापस मिथुन राशि में आ जाएंगे।
साल 2025 की शुरुआत की बात करें, तो शनि आपकी कुंडली के चौथे भाव में विराजमान थे। ऐसे में इस राशि में शनि की ढैया प्रभावी थी जिसके कारण आपको विभिन्न तरह से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा होगा। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां उत्पन्न हुई होगी। इसके अलावा संतान पक्ष से मतभेद होना या उनको लेकर तनाव बढ़ा होगा। स्वास्थ्य पर भी बुरा असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही करियर और बिजनेस के क्षेत्र में हानि से लेकर आर्थिक स्थिति कमजोर हुई होगी। इन परेशानियों के साथ आप लगातार संघर्ष करते रहे होंगे। लेकिन इसी बीच सूर्य भी कुंभ राशि में प्रवेश कर गए। ऐसे में सूर्य-शनि की युति चौथे भाव में बनी।
ज्योतिष शास्त्र में शनि और सूर्य को एक-दूसरे का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है। पिता-पुत्र होने के बावजूद इन दोनों की युति से दोनों ही ग्रह कष्ट देंगे। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को पिता, शासन-प्रशासन, आत्मबल का कारक माना जाता है। ऐसे में जब शनि के साथ युति की, तो सूर्य.भी पीड़ित हुए, जिससे इन क्षेत्रों में कमी देखने को मिली। शासन प्रशासन का सहयोग नहीं मिला से लेकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। घर-परिवार का माहौल काफी खराब रहा। शनि कर्म और लाभ के भी कारक होते हुए दशम भाव पर शनि-सूर्य की दृष्टि भी थी। जिसके कारण आपके कार्यक्षेत्र से लेकर आर्थिक स्थिति पर बुरा असर देखने को मिला होगा। 14 मार्च को सूर्य के राशि परिवर्तन करके ही ये युति भंग हो गई। इसके साथ ही 29 मार्च को शनि के मीन राशि में जाते ही लगा कि अब थोड़ा कम प्रभाव पड़ेगा।
शनि ने 29 मार्च को मीन राशि में प्रवेश किया। जहां पहले से ही राहु विराजमान थे जिसके कारण राहु और मीन की युति से पिशाच योग का निर्माण हुआ। पंचम भाव में पिशाच योग का निर्माण होने से इस राशि के जातकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। यह दुर्योग आपकी कुंडली में 18 मई तक बना रहा। जब राहु कुंभ राशि में प्रवेश कर गए। 18 मई तक सबसे ज्यादा आपके इनकम पर असर देखने को मिला होगा। शनि की दृष्टि धन भाव और शनि-राहु की दृष्टि लाभ के भाव पर पड़ी, तो आमदनी में बढ़ोतरी के साथ धन का संचय दोनों ही प्रभावित हुए। बेकार के खर्चों से परेशान रहे होंगे। यहां तक पैसा डूबा या फिर फंसा होगा। पिशाच योग के प्रभाव से व्यापार-व्यवसाय में अपडाउन, धोखाधड़ी, चीटिंग जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा होगा।
अब बात करें भूमिपुत्र मंगल की, तो साल की शुरुआत में मंगल अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करके इस राशि के नौवें भाव में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस राशि के जातकों को भाग्य का साथ नहीं मिला होगा और जीवन में कई परेशानियां आई होगी। लग्न का स्वामी जब पीड़ित होता है तो व्यक्ति के साहस, पराक्रम, पुरुषार्थ पर सबसे अधिक असर डालता है। इसकेमंगल सिंह राशि में प्रवेश कर गए। ऐसे में अपनी मित्र राशि की राशि में आते ही आपको काफी लाभ मिलने लगा होगा। आपका जीवन धीरे-धीरे पटरी पर आ सकता है। मंगल के सिंह में आते ही शत्रुओं पर विजय प्राप्ति से लेकर व्यक्तित्व में निखार आया होगा। इसके साथ ही इस साल मंगल कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में विराजमान रहेंगे, जिससे आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
अब बात करें कि आने वाले माह वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अच्छे होंगे कि नहीं। बता दें कि इस राशि में शनि की ढैया समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा शनि-राहु का पिशाच योग और राशि के स्वामी मंगल भी नीच राशि से बाहर आ चुके हैं। ऐसे में आपको अब लाभ मिल सकता है। जीवन में ऊंचाइयों को प्राप्त करने से लेकर धन, वैभव, सुख-सुविधाएं की वृद्धि हो सकती है।
देवताओं के गुरु बृहस्पति की बात करें, तो इस राशि में अष्टम भाव में गुरु विराजमान है और धन भाव पर उनकी दृष्टि है। ऐसे में आपको डूबा हुआ पैसा मिल सकता है। इसके अलावा गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है। शनि भी आपके लिए लकी हो सकता है। सातवें भाव पर मित्र राशि पर दृष्टि डालेंगे, जिससे व्यापार-व्यवसाय में उन्नति होगी। जब शनि 11वें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, तो आपकी इनकम में वृद्धि होगी। गुरु और शनि का डबल ट्रांजिट धन भाव पर है जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
लेकिन दिमाग में इस बात को जरूर बैठा लेंकि कोई भी ग्रह तुरंत परिणाम नहीं देता है। विशेषकर जो लंबे समय तक एक राशि में रहते हैं। फल मिलने में थोड़ा समय लग सकता है। हर एक स्थिति धीरे-धीरे सही हो सकती है।
शुभ फल के लिए अगले 6 माह शुभ फलों के लिए करें ये उपाय
शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस राशि के स्वामी मंगल से संबंधित उपाय करना लाभकारी हो सकता है। इसके लिए रोजाना हनुमान जी की पूजा करें। हो सके, तो हनुमान मंदिर जाएं। प्रसाद या फिर चोला चढ़ाएं।
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।